Jivitputrika: जितिया पर्व मातम में बदला, बिहार में 43 लोगों ने गंवाई जान, 3 लापता

जितिया पर्व मातम में बदला, बिहार में 43 लोगों ने गंवाई जान, 3 लापता

Jivitputrika : पटना। बिहार के 15 जिलों में जितिया उत्सव के दौरान पवित्र स्नान करते समय 43 लोगों की मौत हो गई जबकि 3 लापता लोग लापता हैं। इन 15 जिलों में नालंदा, औरंगाबाद, चंपारण, बक्सर, कैमूर, सारण, सीवान, गोपालगंज, पटना और समस्तीपुर जैसे जिले भी शामिल हैं। मरने वालों में अधिकतर बच्चे हैं। इसके अलावा कुछ महिलाओं और पुरुषों की भी मौत की खबर सामने आई है।

बिहार के जीतिया पर्व के दौरान सबसे ज्यादा औरंगाबाद जिले में लोगों ने जान गंवाई। औरंगाबाद जिले में जीतिया पर्व के दौरान 10 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद छपरा में पांच, रोहतास में चार, कैमूर में तीन, सीवान में तीन, मोतिहारी में तीन वहीं बेतिया, बेगूसराय और गोपालगंज में दो और दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी, नालंदा, अरवल और भोजपुर में एक - एक व्यक्ति की मौत हुई है।

जितिया पर्व के दौरान डूबे कुछ लोगों का शव नहीं मिल पाया है। पुलिस , गोताखोर और स्थानीय प्रशासन की टीम द्वारा शव की तलाश की जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि, मौत का यह आंकड़ा बड़ सकता है।

सीएम नितीश कुमार ने औरंगाबाद घटना पर दुःख जताते हुए कहा था कि, "जिला अंतर्गत मदनपुर प्रखण्ड के कुशहा गांव में 4 बच्चों तथा बारूण प्रखण्ड के इटहट गांव में 3 बच्चों की नहाने के दौरान डूबने से हुई मृत्यु दुःखद। मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रू की अनुग्रह राशि अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। शोक संतप्त परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना है।"

इस पूरे मामले के सामने आने के बाद विपक्ष द्वारा सवाल उठाये जा रहे हैं। कई लोगों का आरोप है कि, जितिया पर्व के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई तैयारी नहीं की गई थी। इसी कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई।

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