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बागेश्वर धाम की शरण में पहुंचे कमलनाथ, राजनीतिक जानकार बता रहे चुनावी चाल
छतरपुर।बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों खूब चर्चा में है। उनकी बढ़ती लोकप्रियता देख नेता भी उनकी शरण में पहुंच रहे है। इसी कड़ी में आज कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आज सोमवार को बागेश्वर धाम पहुंचे और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मुलाकात की।
कमलनाथ ने कहा की 'मैंने छिंदवाड़ा में सबसे बड़ा 101 फुट से भी ऊंचा हनुमान मंदिर बनाया है। मैं हनुमान जी से यहां प्रार्थना करने आया था कि मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहे।'
दरअसल, बागेश्वर धाम में हर साल की तरह इस साल महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर 18 फरवरी को 121 कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह किया जा रहा है। इसके लिए 13 से 19 फरवरी तक यज्ञ का आयोजन हो रहा है।जिसके चलते यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे है। महाशिवरात्रि के दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी विवाह महोत्सव में शामिल होंगे। इसके साथ ही प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, नगरीय निकाय मंत्री भूपेन्द्र सिंह, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव, मंत्री ऊषा ठाकुर, विश्वास सारंग, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के भी इसमें शामिल होने की संभावना है।
चुनावी चाल
साल के आखिरी में मप्र में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में कमलनाथ का बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर की शरण में जाना एक राजनीतिक चाल मानी जा रही है। जानकारों का मानना है कि कमलनाथ भाजपा को उसकी हिंदुत्व की नीति से ही मत देने की कोशिश कर रहे है। इसी के चलते वह मंदिरों कि और रुख कर अपनी छवि एक हिंदूवादी नेता के रूप में गढ़ने की कोशिश में लगे है।इससे पहले उन्होंने जबलपुर के ग्वारीघाट पर मां नर्मदा का पूजन किया था।
बता दें की सत्ता में जाने के बाद से कई बार वह रामनामी पहन मंदिर में दर्शन, सुंदरकांड पाठ, भजन-कीर्तन करते नजर आ चुके है। हालांकि इस दौरान कई बार पूजा-पाठ विधि में गलतियां करने के कारण विवादों में भी पड़ चुके है। श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमिपूजन सुंदरकांड पाठ के समय वह हनुमान जी की माला से हाथ पोछते हुए नजर आए थे। इसके अलावा अपने जन्मदिन पर उन्होंने श्रीराम मंदिर की आकृति वाला केक काटा था। जिसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स से लेकर आमजनों के निशाने पर आ गए थे। अब चुनावी साल में एक बार फिर वह अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहे है।