कनिष्क मेहरोत्रा मर्डर केस : गैंग पर होगी रासुका के तहत कार्रवाई, सत्ताधीशों की मेहर से महफूज 'बीरे की अवैध सल्तनत'
कनिष्क मेहरोत्रा मर्डर केस
कनिष्क मेहरोत्रा मर्डर केस : हरदोई। सिटी को दहला देने वाले सीनियर क्रिमिनल काउंसिल कनिष्क मेहरोत्रा हत्याकांड का खुलासा हो चुका है। पांच आरोपी जेल जा चुके हैं। कनिष्क को शूट करने वाले रामसेवक 'लल्ला' सहित तीन आरोपी अभी फरार हैं। लल्ला पर सिटी कोतवाली में आर्म्स एक्ट में केस रजिस्टर है। हालांकि, एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी छुपा ली। मास्टरमाइंड के गुर्गे रामू महावत और राजवीर का क्रिमिनल रिकॉर्ड सामने नहीं लाया गया।
कनिष्क की हत्या कथा का पुलिस अपनी तरह से अनावरण जरूर कर चुकी है, लेकिन कुछ प्रश्न अभी भी मुंह बाए खड़े हैं। मसलन, शूटर्स का अरेंजमेंट करने वाला रामू महावत है कौन और उसका पोस्टल एड्रेस क्या है? उसका आपराधिक इतिहास क्या है? वह कभी जेल में रहा है? इन सवालों के जवाब पुलिस प्रेस नोट और पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन बयान, दोनों से तिरोहित थे। इसी तरह, बाइक ड्राइव करने वाले राजवीर के आपराधिक अतीत की कुंडली भी नहीं बांची एसपी ने। तीनों किस खोह में छुपे हैं, पता जता ये भी नहीं है।
जांच का दायरा बढ़ा तो लपेटे में ऐसे नाम सामने आ सकते हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति को धता बता माफिया को सियासी संरक्षण दिया। बीरे यादव जैसे हार्ड कोर क्रिमिनल पर तक सत्ताधीशों की मेहरबानी रही। बीरे ने ग्राम समाज की बेशकीमती जमीन पर अपना साम्राज्य खड़ा किया हुआ है। बात 2018 की है। तत्कालीन एसडीएम सवायजपुर वंदना त्रिवेदी लाव लश्कर लेकर बरगदापुरवा पहुंची थी सरकारी जमीन पर खड़ी ’बीरे की सल्तनत’ ढहाने। एसडीएम मौके पर थीं कि उन्हें तत्कालीन डीएम शुभ्रा सक्सेना की कॉल आई और कार्यवाही टालने का निर्देश मिला। अगले दिन बीरे के हाथ हाईकोर्ट का स्टे ऑर्डर आ गया। बिना सत्ता दल के दखल ऐसा मुमकिन नहीं था। कौन था वो ’सत्ता का चेहरा’ जिसने बीरे के अवैध निर्माण की हिफाजत कर ली थी? तब भाजपा के ही गलियारों में इस बात की चर्चा थी कि उनकी सरकार में जिले के भाजपाई अपराधी को संरक्षण देते थे?
कनिष्क हत्याकांड का अरेंजर रामू महावत, शूटर लल्ला और राजवीर के हाथ आए बिना ’कनिष्क कथा’ का पटापेक्ष नहीं होता। बाकी, सुनवाई हैKanishka Mehrotra murder case: Action will be taken against the entire gang under NSA कि प्रशासन स्तर से आरोपियों की वैध अवैध सम्पत्ति का आकलन हो रहा है और जल्दी ही बड़ा एक्शन देखने को मिल सकता है। साथ ही, कनिष्क हत्याकांड के आरोपियों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) में निरुद्ध किए जाने की भी तैयारी है। प्रशासन और पुलिस के स्तर पर भीतर-खाने कील कांटे दुरुस्त किए जा रहे हैं।
इसलिए रितेश की तेरहवीं में नहीं आए अखिलेश
समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे बाबू परमाई लाल के पौत्र और पूर्व विधायक राजेश्वरी देवी के बड़े बेटे रीतेश वर्मा का निधन हो गया था। शनिवार को तेरहवीं थी। बाबू परमाई लाल की देहरी वो है, हरदोई पहुंचने पर मुलायम सिंह या उनके परिवार का कोई, पहले वहां पहुंचता है। अखिलेश राजनीति की शुरुआत में रथ यात्रा लेकर आए थे तो काफिला वहीं रुका था। तेरहवीं में सपा मुखिया अखिलेश यादव के आने की बात थी लेकिन, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह बीरे यादव की नामी वकील की हत्या में संलिप्तता पाए जाने के बाद अखिलेश का कार्यक्रम रद्द हो गया।
By - बृजेश 'कबीर'