कपिल सिब्बल ने राहुल-सोनिया से पूछा सवाल, जब अध्यक्ष नहीं तो कौन ले रहा फैसले?

कपिल सिब्बल ने राहुल-सोनिया से पूछा सवाल, जब अध्यक्ष नहीं तो कौन ले रहा फैसले?
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नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि नेताओं का पार्टी छोड़कर जाना गंभीर चिंता का विषय है और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए ठोस उपाय किए जाने की जरूरत है। इस मुद्दे पर पार्टी को चिंतन करने की जरूरत है और जितनी जल्दी हो सके कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई जाए।

सिब्बल ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अभी पार्टी में कोई स्थायी अध्यक्ष नहीं है और पार्टी में निर्णय कौन ले रहा है इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में कई कांग्रेसी नेता दूसरे दलों में चले गए। यह चिंता विषय है। उन्होंने इन नेताओं के नाम लिए और कहा कि सुष्मिता देव, फेलेरो, जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अभिजीत मुखर्जी, ललितेश त्रिपाठी इनमें से कुछ प्रमुख नाम है।

पार्टी की मजबूती के लिए मंथन जरूरी -

कपिल सिब्बल ने कहा कि पार्टी को राष्ट्रीय मुद्दों पर आंदोलन करना चाहिए। इस समय देश के सामने चीनी घुसपैठ, अफगानिस्तान में तालिबान, गरीबी और बेरोजगारी सहित कई मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर कांग्रेस को आंदोलन करना चाहिए। देश को इस समय एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है। इस दिशा में पार्टी को सोचना ही होगा। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलानी चाहिए और पार्टी की मजबूती के बारे में मंथन करना चाहिए।

G 23 नेता कांग्रेस और देश हितैषी -

सिब्बल ने खुद को पार्टी का हितैषी बताया और कहा कि वह 'जी हजूरी' करने वाले नेताओं में से नहीं है। उन्होंने कहा कि बहुत ऐसे विषय हैं जिन्हें सार्वजनिक तौर पर उठाया नहीं जा सकता। सिब्बल ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं जिन्हें जी-23 कहा गया है पार्टी छोड़कर जाने वालों में से नहीं है। देश को बचाने के लिए कांग्रेस को मजबूत करना बहुत जरूरी है। इसके लिए पार्टी की अंदरूनी कलह को पूरी तरह खत्म करना होगा। पंजाब कांग्रेस में फैली अंतर कलह की स्थितियों पर सिब्बल ने पार्टी से आग्रह किया कि इसे समय रहते सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य में अस्थिरता होने से पाकिस्तान को फायदा होगा। पंजाब को पृथकवादियों से हुए नुकसान के हम साक्षी रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस को एकजुट रहना चाहिए।

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