कर्नाटक चुनाव के बाद मध्यप्रदेश में बड़े बदलाव की आहट!

क्या कर्नाटक चुनाव के परिणाम के बाद मध्यप्रदेश भाजपा में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है? यह निर्णय संभवत: केंद्रीय नेतृत्व कर चुका है, इस आशय की खबर से प्रदेश नेतृत्व और पूरी भाजपा में हलचल है। पूर्व मुयमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी के कांग्रेस में शामिल होने एवं कई वरिष्ठ नेताओं के स्वर एक साथ तीखे होने पर केंद्रीय नेतृत्व ने संज्ञान लिया है। नेतृत्व यह मान रहा है कि चुनाव से पहले कहीं न कहीं प्रदेश नेतृत्व एवं कार्यकर्ताओं में संवाद एवं समन्वय की कमी है। चुनाव से ठीक कुछ माह पहले यह स्थिति चिंताजनक है, यह भी ध्यान में आ रहा है। पार्टी का मानना है कि मध्यप्रदेश में हालत इस समय 2018 की तरह ही हैं। ऐसे में संगठन में कसावट की जरूरत है। ऐसे में कर्नाटक के नतीजे के बाद निर्णय लिए जाएं, यह सहमति बनी है। नतीजे किस प्रकार आते हैं, इस पर भी बदलाव किस स्तर पर किया जाए इसकी पटकथा नेतृत्व कर चुका है। संगठन में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव का मन बनाया जा चुका है। वहीं कमजोर प्रदर्शन वाले मंत्रियों को लेकर भी निर्णय लिए जा सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार पार्टी के पास खबर है कि अभी कई और नेता भी पाला बदल सकतें हैं। इनमें पार्टी के पुराने नेता भी शामिल हैं, वहीं कांग्रेस से आए कुछ विधायक एवं मंत्री भी शामिल हैं। इनमें से कई रुके ही इसलिए हैं कि कांग्रेस ने टिकट की गारंटी नहीं दी है। पार्टी यह भी समझ रही है कि भाजपा के पुराने नेता जो इस समय विरोध कर रहे हैं उनमें से कई अपनी राजनीतिक जमीन खो चुके हैं, यह भी एक सच है। पर पद मुक्त कार्यकर्ता को कार्य युत करने की अभी काफी गुंजाइश है,यह ध्यान में आ रहा है। पार्टी ने यह भी निर्णय लिया है कि वह अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेगी पर ऐसी सभी कमजोर कडिय़ों परे बातचीत की जाएगी, लेकिन उनकी अति महत्वाकांक्षा के आगे पार्टी झुकेगी भी नहीं।