रंग बिरंगी रोशनी से नहाया काशी विश्वनाथ मंदिर, प्रधानमंत्री करेंगे लोकार्पण
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण समारोह पर पूरे देश की नजर है। विदेशों में रहने वाले भारतीय भी धाम को लेकर उत्सुक हैं। बराबर इसके बारे में जानकारी ले रहे हैं। लोकार्पण समारोह की तैयारियों के बीच सतरंगी रोशनी में धाम के भवनों का निखरा सौंदर्य, दूधिया रोशनी में नहायी संगमरमरी भवनों का स्वरूप लोगों को अभी से अपनी ओर खींच रहा हैं। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर रात से ही भवनों की रोशनी से नहाई तस्वीरे वायरल हो रही है।
धाम के लोकार्पण से एक दिन पहले से ही काशी को सजाया संवारा जायेगा। पूरे शहर में तीन दिन दिपावली उत्सव सरीखा नजारा दिखेगा। इसके अंतर्गत सरकारी कार्यालयों, विद्युत पोल, चौराहों, हाउसिंग सोसाइटी द्वारा काम्प्लेक्स, घाटों पर नावों को लाइटों से सजाया जायेगा। इसमें बेहतरीन सजावट के लिए शहर भर में प्रतिस्पर्धा भी आयोजित की जा रही है। बेहतरीन सजावट वाले सरकारी भवनों को 51 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं, दूसरे नंबर पर आए भवन को 21 हजार व तीसरे स्थान पर आए भवन को 11 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस प्रतिस्पर्धा में वाणिज्यिक भवनों को भी शामिल किया गया है।
धाम के लोकार्पण समारोह को ऐतिहासिक बनाने में जिला प्रशासन ने हर स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। जहां सरकारी स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई हैं तो जनसहभागिता भी होगी। धाम में 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए खास व्यवस्था की जा रही है। 33 केवी की तीन लाइन के साथ ही 11 केवी की दो अंडर ग्राउंड लाइन विछाई गई है। छत्ता द्वार, वीआइपी गेट के पास 1000-1000 केवीए के दो ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। साथ ही 1000-1000 केवीए तीन जेनरेटर की भी व्यवस्था होगी। 33 केवी विद्युत उपकेंद्र में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नाम से 11 केवी का नया फीडर बनाया जा रहा है। यहां से लगभग 1800 मेगावाट की विद्युत आपूर्ति की जाएगी।
तीन प्रवेश पर यात्री सुविधा केन्द्र बनकर तैयार हो चला -
धाम में बनाए गए तीन प्रवेश द्वार पर यात्री सुविधा केंद्र भी बनकर तैयार है। शिवभक्त विश्वनाथ धाम में आने के बाद अपना सामान यात्री सुविधा केंद्र में रख सकेंगे। भक्त मोबाइल, बैग सहित अन्य सामान रख सकेंगे। धाम में मंदिर चौक, वाराणसी सिटी गैलरी, म्यूजियम, बहुउद्देशीय सभागार, हॉल, सार्वजनिक सुविधा, मोक्ष गृह, गोदौलिया गेट, भोगशाला, पुजारियों और सेवादारों के लिए आश्रय, आध्यात्मिक पुस्तक पैलेस बन कर लगभग तैयार हो चला है।
दूसरे चरण में ये होगा निर्माण -
गौरतलब है कि 54 हजार वर्गमीटर में बन रहे धाम का निर्माण कार्य दो चरणों में पूरा किया जा रहा है। पहले चरण का काम अंतिम चरण में है। दूसरे चरण में 60 करोड़ की लागत से जलासेन घाट और ललिता घाट से रैंप का निर्माण, एस्केलेटर, सांस्कृतिक केंद्र आदि का निर्माण किया जाना है। जलासेन घाट पर गंगा स्नान के बाद धाम में प्रवेश के लिए प्रस्तावित भव्य मुख्य द्वार का निर्माण किया जाना है।