चिनाब रेल ब्रिज: दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज पर पहली बार चली गाड़ी, जानिए क्या है इस ब्रिज की खासियत...
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भारतीय रेलवे ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज - चेनाब रेल ब्रिज का सफल ट्रायल रन किया। नवनिर्मित पुल रामबन जिले के संगलदान और रियासी के बीच बनाया गया है।
ऐतिहासिक क्षण ! 🇮🇳
— Kausar Jahan (@Kausarjahan213) June 21, 2024
भारतीय रेलवे ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल-चिनाब रेल ब्रिज पर सफलतापूर्वक ट्रायल रन किया।
40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से संगलदान से रियासी पहुंची ट्रेन! pic.twitter.com/AMOyEKP1kI
भारतीय रेलवे द्वारा चेनाब नदी पर बनाया गया दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे आर्च ब्रिज भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है, क्योंकि हिमालय की चुनौतीपूर्ण पहाड़ियों में स्थित चेनाब पुल इंजीनियरिंग चमत्कार है जो जम्मू और कश्मीर को शेष भारत से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
Chenab Rail Bridge की खासियत...
एफिल टॉवर से भी ऊंचा है चेनाब ब्रिज...
चेनाब नदी पर बना पुल, नदी तल से 359 मीटर की प्रभावशाली ऊंचाई पर बना है, जो एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है! हिमालय की चुनौतीपूर्ण भूमि पर स्थित चेनाब ब्रिज इंजीनियरिंग का एक चमत्कार है। यह जम्मू और कश्मीर को शेष भारत से जोड़ने वाले निर्माणाधीन रेलवे लिंक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
चेनाब रेल पुल का डिज़ाइन
चेनाब पुल को चरम स्थितियों का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे 266 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा की गति का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह खराब मौसम को भी झेलने में सक्षम है।
चिनाब पुल की लंबाई
चिनाब पुल, जो 1.3 किलोमीटर लंबा है, लंब्रिज की कुल लंबाई लगभग 1,315 मीटर (4,314 फीट) है, जिसमें मुख्य आर्च 467 मीटर (1,532 फीट) लंबा है।
विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे ब्रिज:
यह ब्रिज चिनाब नदी के ऊपर 359 मीटर (1,178 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है, जो इसे दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे ब्रिज बनाता है।
निर्माण सामग्री:
ब्रिज के निर्माण में लगभग 24,000 टन स्टील का उपयोग किया गया है, जो इसे बेहद मजबूत और स्थिर बनाता है। स्टील का उपयोग विशेषकर उच्चतम गुणवत्ता का किया गया है ताकि यह चरम मौसम और भौगोलिक परिस्थितियों को सह सके।
डेक सेगमेंट:
ब्रिज में कुल 93 डेक सेगमेंट हैं, जिनमें से प्रत्येक का वजन लगभग 85 टन है। इन सेगमेंट को घाटी के दोनों छोर से एक साथ लॉन्च किया गया है।
भूकंप और उच्च पवन वेग सहनशीलता:
ब्रिज को विशेष रूप से इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह उच्च पवन वेग (266 किमी/घंटा) और भूकंप के झटकों को सहन कर सके।
कोरटेन स्टील:
ब्रिज में कोरटेन स्टील का उपयोग किया गया है, जो पर्यावरणीय परिस्थितियों के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है और इसे जंग से बचाता है।
लागत:
इसका अनुमानित लागत लगभग 1,486 करोड़ रुपये थी।
पर्यटन:
अपनी अद्वितीय संरचना और सुंदरता के कारण, यह ब्रिज आने वाले वर्षों में एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी बन सकता है।