जानिए क्यों त्रिशूल पर लाल कपड़े को लपेटा जाता हैं, क्या है इसका महत्व और खास बातें
Vastu Jyotish: मंदिर में भगवान की पूजा करने के लिए जहां पर नियमों का पालन करना जरूरी होता हैं वहीं पर शिवालय में पूजा के लिए भगवान शिव के प्रतीकों की स्थापना की जाती है। वैसे तो यह प्रतीक कई सारे है जो शिवालय से जुड़े है जिसमें त्रिशूल खास है जिसकी स्थापना शिव मंदिरों में की जाती हैं। लेकिन क्या आपने कभी ध्यान से देखा है शिवालय में गढ़े या रखे त्रिशूल पर लाल रंग का कपड़ा बांधा जाता है। आखिर इसके पीछे क्या मान्यता होती है। चलिए ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते है इस तथ्य के बारे में।
क्या होता हैं त्रिशूल पर लाल कपड़े बांधने का अर्थ
यहां पर ज्योतिष आचार्य की मानें तो, इस लाल रंग के कपड़े को मंगल ग्रह से जोड़कर देखा जाता है कहते हैं की मंगल ग्रह की उत्पत्ति भगवान शिव की मुस्कान से हुई है। यहां पर इस ग्रह को भगवान के पुत्र की तरह भी कहते हैं। इसे लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है जिसमें मंगल ग्रह ने घोर तप करके भगवान शिव के समीप रहने का वरदान मांगा था। इस भगवान शिव ने कहा था कि, ग्रहों के चक्र से वह दूर हैं तो ऐसे में कैसे किसी ग्रह को वह अपने साथ रख सकते हैं तब मंगल ने भगवान शिव से आग्रह किया था कि मंगल के किसी प्रतीक को वह अपने किसी प्रतीक से जोड़ दें।
भगवान शिव ने बांधा था लाल कपड़ा
यहां पर भगवान शिव जी ने लाल रंग को अपने त्रिशूल से जोड़ा। इसके बाद भगवान शिव ने लाल रंग का कपड़ा लेकर अपने त्रिशूल से बांधा और तभी से यह प्रथा बन गई कि त्रिशूल पर लाल कपड़ा बांधा जाए।
लेकिन ज्योतिष द्वारा इसका महत्व माना जाता हैं कि, लाल रंग का कपड़ा त्रिशूल पर बांधने से मंगल ग्रह मजबूत होता है और दोष दूर हो जाता है।