Maa Durga Vahan: आखिर मां दुर्गा शेर की ही क्यों करती हैं सवारी, जानिए इसके पीछे की पौराणिक कथा
Maa Durga Vahan: जैसा कि शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है वहीं पर माता की 9 स्वरूपों की पूजा नवरात्रि के 9 दिनों के लिए की जाती है। इन नौ दिनों में माता की आराधना भक्त श्रद्धा भक्ति के साथ करते हैं तो वहीं पर रात के समय में माता का जागरण किया जाता है। माता दुर्गा शेर की सवारी करती है लेकिन क्या आपको पता है की माता का यह वाहन कैसे बना और इसके पीछे कौन सी कहानी प्रचलित है।
9 रूपों की अलग - अलग सवारी
नवरात्रि के नौ दिनों में जहां पर माता के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है वहीं पर मां देवी के 9 रूपों की नौ अलग-अलग सवारियां हैं. लेकिन मां दुर्गा की मूल सवारी तो शेर ही है। जितने भी मां दुर्गा के मंदिर हैं या प्रतिमा है उसमें मां हमेशा शेर पर ही सवार नजर आती हैं।
शेर के वाहन बनने को लेकर यह है पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, मां पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कड़ी मेहनत की थी, उनकी तपस्या से मां पार्वती का रंग काला पड़ गया था,एक बार की बात हैं हंसी-मजाक में शिव जी ने पार्वती को चिढ़ा दिया और काली कहकर बुला लिया. इससे मां पार्वती काफी ज्यादा क्रोधित हो गईं और गुस्से में कैलाश पर्वत छोड़ कर चली गईं।जब शिव से गुस्सा कर और कैलाश छोड़कर माता पार्वती तपस्या कर रही थीं उस दौरान वहां पर एक भूखा शेर आया. मां पार्वती को तपस्या करता देख शेर वहीं पर बैठ गया. मां पार्वती की तपस्या से भगवान शिव बहुत खुश हुए और उन्होंने मां पार्वती को गोरी होने का वरदान दिया।
माता ने इसलिए बनाया वाहन
आगे जब माता तालाब में स्नान करने गईं तो उनका रंग फिर से गोरा हो गया और उस दौरान तालाब से सांवले रंग की एक देवी प्रकट हुईं. उन्हें मां कौशिकी का नाम दिया गया और माता पार्वती को इस दौरान से ही मां गौरी के नाम से जाना जाने लगा। जब मां तालाब में नहाने के बाद फिर से आईं तो उस दौरान उन्हें वो शेर वहीं पर बैठा मिला, मां भी शेर से काफी पसंद हुईं और उन्होंने उस शेर को अपनी सवारी बना लिया।
इसके बाद से मां दुर्गा की सवारी के रूप में शेर को जाना जाने लगा।