Mahakumbh 2025: 12 साल का इंतजार खत्म, 2025 में खास होगा कुंभ का आगाज, जानें अक्षयवट का पौराणिक महत्व

12 साल का इंतजार खत्म, 2025 में खास होगा कुंभ का आगाज, जानें अक्षयवट का पौराणिक महत्व
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कुंभ में शाही स्नान की तिथियां भी बताई गई है। वैसे तो महाकुंभ बड़ा खास होने वाला है लेकिन अक्षयवट को लेकर एक घोषणा हुई है। आखिर क्या है इसका महत्व जानिए।

Mahakumbh 2025: आने वाले साल में 2025 में महाकुंभ का बड़ा आगाज होने वाला है 12 साल का इंतजार अब खत्म हो गया है जिसके साथ कुंभ मेले की शुरुआत उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से होने जा रही है इसे लेकर प्रशासन ने कड़ी तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा कुंभ में शाही स्नान की तिथियां भी बताई गई है। वैसे तो महाकुंभ बड़ा खास होने वाला है लेकिन अक्षयवट को लेकर एक घोषणा हुई है। आखिर क्या है इसका महत्व जानिए।

300 साल पुराने अक्षयवट ने जुड़ा पौराणिक महत्व

बताते चलें कि, महाकुंभ से अक्षय वट का नाता पौराणिक है यानी 300 वर्ष पुराने अक्षयवट के महत्व को बताया गया है। इसके अनुसार कहा जाता हैं कि, महा कुंभ के दौरान संगम स्नान के पश्चात 300 वर्ष पुराने अक्षयवट के दर्शन करने के बाद ही स्नान का फल मिलता है। इसके अलावा यह भी कहते हैं कि दर्शन करने से मान्यताएं पूरी हो जाती हैं। इस अक्षय वट की महिमा को बढ़ाते हुए सरकार की महत्वाकांक्षी अक्षयवट कॉरिडोर सौंदर्यीकरण योजना को लाया जा रहा है। इस योजना को मुख्यमंत्री योगी स्थान का जायजा ले चुके हैं।




अक्षय वट से जुड़ा है रहस्य

यहां पर आपको अक्षय वट की महिमा के बारे में पता है लेकिन क्या आप रहस्य जानते हैं। कहा जाता हैं कि, अक्षयवट का अस्तित्व समाप्त करने के लिए मुगल काल में तमाम तरीके अपनाए. उसे काटकर दर्जनों बार जलाया गया, लेकिन ऐसा करने वाले असफल रहे. काटने और जलाने के कुछ माह बाद अक्षयवट पुन: अपने स्वरूप में आ जाता था।

क्या है अक्षयवट की पौराणिक कथा

यहां पर अक्षयवट को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है जिसके अनुसार प्रभु श्रीराम वन जाते समय संगम नगरी में भारद्वाज मुनि के आश्रम में जैसे ही पहुंचे उन्हें, मुनि ने वटवृक्ष का महत्व बताया था. मान्यता के अनुसार, माता सीता ने वटवृक्ष को आशीर्वाद दिया था. तभी प्रलय के समय जब पृथ्वी डूब गई तो वट का एक वृक्ष बच गया। इसलिए इसके दर्शन का महत्व है।

कुंभ पर्व 2025 शाही स्नान तिथियां

पौष पूर्णिमा स्नान- 13 जनवरी 2025

मकर संक्रांति- 14 जनवरी 2025

मौनी अमावस्या- 29 जनवरी 2025

बसंत पंचमी- 3 फरवरी 2025

माघी पूर्णिमा- 12 फरवरी 2025

महा शिवरात्रि - 26 फरवरी, 2025

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