Pushpa 2 Review: पुष्पा फायर नहीं निकला वाइल्ड फायर, देखने मिलेगा एक्शन और एंटरटेनमेंट का फुल डोज
Pushpa 2 Review: साउथ स्टार अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा 2 द रूल आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है वहीं पर एडवांस बुकिंग में फिल्म के धूम मचाने के बाद धमाकेदार रिव्यू फिल्म का सामने आया है। पुष्पा अपनी पहली फिल्म से भी बड़ी एंटरटेनर फिल्म साबित होने वाली है। यहां पर फिल्म के अब तक मिले रिव्यू के मुताबिक , पुष्पा फ्लावर नहीं फायर था, इस बार वो वाइल्ड फायर निकला है। चलिए जानते हैं फिल्म का पूरा रिव्यू...
क्या है फिल्म की कहानी
यहां पर फिल्म की कहानी अपने पहले पार्ट से आगे बढ़ती है जिसके अनुसार अब पुष्पा लाल चंदन का बड़ा स्मगलर बन चुका है और इस पूरे सिंडिकेट का मुखिया है,पुष्पा अपनी बीवी श्रीवल्ली की हर बात मानता है, जब बीवी कहती है CM से मिलने जा रहे हो तो फोटो क्लिक करा लेना और जब सीएम एक स्मगलर के साथ फोटो नहीं खिंचवाता तो पुष्पा CM ही बदलने की प्लानिंग कर देता है। पुष्पा को इसके लिए 5000 करोड़ का लाल चंदन विदेश स्मगल करने का प्लान करता है इस पर ही पुष्पा का वाइल्ड फायर देखने के लिए मिलता हैं।
एक्टिंग
फिल्म में साउथ एक्टर अल्लू अर्जुन पुष्पा के दमदार किरदार में नजर आ रहे हैं। पिछली बार की तरह इस बार भी उनका सीन देखने के लिए मिल रहा है और उनके 5 साल की कड़ी मेहनत नजर आ रही हैं। श्रीवल्ली के किरदार में रश्मिका मंदाना फिर एक बार शानदार अंदाज में नजर आई है।फहाद फासिल ने भी जबरदस्त काम किया है, हीरो की हीरोगीरी तभी निकलकर आती है जब विलेन जानदार हो और यहां पुलिसवाले के किरदार में फहाद ने जान डाल दी है. जगदीश प्रताप भंडारी का काम अच्छा है,जगपत बाबू ने भी अच्छा काम किया है, सौरभ सचदेवा ने भी कमाल का काम किया है।
डायरेक्शन और राइटिंग
पहले पार्ट की तरह दूसरे पार्ट में भी इस बार डायरेक्शन और राइटिंग कमाल की नजर आई हैं। फिल्म को हर जगह पर एंटरटेनर और कहानी के साथ सधी हुई बनाया है। एक के बाद एक कमाल के सीन डाले ताकि एक सीन देख दर्शक हैरान हो और सांस ले उससे पहले दूसरा कमाल का सीन आ जाए।
कैसा है गाना
इस बार फिल्म के गाने पिछली फिल्म से थोड़े फीके से लगे है। गाने काफी बकवास हैं, सामी को छोड़कर कोई गाना झेला नहीं जाता, बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है।
कैसी है फिल्म
यहां पर हर लेवल पर फिल्म की बात की जाए तो, यह फिल्म फुल एंटरटेनर फिल्म बन गई है।सिनेमा हॉल में देखने वाला एक्सपीरियंस है, जाकर लीजिए क्योंकि ऐसे सिनेमा से ही सिनेमा जिंदा है. सिनेमा में mass और class दोनों होंगे जो आपको पसंद आयेंगे।