नेशनल टास्क फोर्स का होगा गठन: कोलकाता डॉक्टर रेप और मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
कोलकाता डॉक्टर रेप और मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय रेजिडेंट डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले के संबंध में स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कई अहम टिप्पणी की और एक नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया। पढ़िए सुप्रीम कोर्ट का पूरा निर्णय।
सीजेआई ने कहा कि, हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेने का फैसला किया कि, क्योंकि यह सिर्फ कोलकाता के अस्पताल में हुई एक भयावह हत्या का मामला नहीं है.. बल्कि यह पूरे भारत में डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़ा एक प्रणालीगत मुद्दा है।
पीड़िता के फोटो - वीडियो दिखाने से कोर्ट नाराज :
सीजेआई ने कहा कि, प्रोटोकॉल कागज पर नहीं हो सकता, बल्कि पूरे भारत में लागू किया जा सकता है। कोलकाता के मामले में, हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि पीड़िता का नाम और मृतक की फोटो, वीडियो सभी मीडिया में प्रकाशित हो रहे हैं..ग्राफिक में उसका शव दिखाया गया है जो घटना के बाद का है..न्यायालय के निर्णय हैं जो कहते हैं कि यौन पीड़ितों के नाम प्रकाशित नहीं किए जा सकते।
इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि, 50 एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस के पहुंचने से पहले.. सभी फोटो और वीडियो ले लिए गए थे।
सीजेआई ने कहा कि, यह भयानक है। क्या हम इसी तरह सम्मान प्रदान करते हैं?
आत्महत्या का मामला बताने की कोशिश :
सीजेआई ने कहा कि, सुबह-सुबह अपराध का पता चलने के बाद प्रिंसिपल ने इसे आत्महत्या का मामला बताने की कोशिश की और माता-पिता को शव देखने की अनुमति नहीं दी गई। इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि, यह सही नहीं है।
CJI ने आगे कहा कि, देर रात तक कोई FIR नहीं हुई। सिब्बल ने जवाब देते हुए कहा, 'अप्राकृतिक मौत का मामला तुरंत दर्ज किया गया जो एक FIR है। इसके बाद CJI ने कहा - क्या FIR में कहा गया है कि यह हत्या है? सिब्बल ने कहा कि, जांच से पता चलता है कि यह हत्या का मामला था।
CJI ने सवाल उठाया कि, देर रात तक कोई FIR नहीं हुई जिसमें कहा गया हो कि यह स्पष्ट रूप से हत्या का मामला है? कपिल सिब्बल ने कहा कि, हमें आरोपी मिल गया जो एक नागरिक स्वयंसेवक था।
आत्महत्या का मामला क्यों बताया :
CJI ने कहा कि, प्रिंसिपल ने इसे आत्महत्या का मामला कैसे बताने की कोशिश की शाम को शव को अंतिम संस्कार के लिए माता-पिता को सौंप दिया गया.. फिर अगले दिन डॉक्टर विरोध कर रहे थे और भीड़ ने अस्पताल पर हमला किया और महत्वपूर्ण सुविधाओं को नुकसान पहुंचाया और कोलकाता पुलिस क्या कर रही थी? अपराध स्थल अस्पताल में है। पुलिस को अपराध स्थल की सुरक्षा करनी है..वे क्या कर रहे हैं?
22 अगस्त को CBI दाखिल करेगी स्टेटस रिपोर्ट :
सीजेआई ने कहा कि, जब प्रिंसिपल के आचरण की जांच हो रही है तो प्रिंसिपल को तुरंत दूसरे कॉलेज का प्रिंसिपल कैसे नियुक्त किया गया। सीबीआई को गुरुवार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी चाहिए और हमें स्थिति से अवगत कराना चाहिए और चूंकि यह संवेदनशील चरण है, इसलिए इसे केवल हमें ही दिया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन :
सीजेआई ने कहा कि, हम एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन कर रहे हैं जिसमें विभिन्न पृष्ठभूमि के डॉक्टर होंगे जो पूरे भारत में अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों का सुझाव देंगे ताकि काम की सुरक्षा स्थितियां बनी रहें और युवा या मध्यम आयु वर्ग के डॉक्टर अपने काम के माहौल में सुरक्षित रहें।
डॉक्टरों से काम पर लौटने का अनुरोध :
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, हम डॉक्टरों से काम पर लौटने का अनुरोध करते हैं और अगर मरीज़ों की जान चली जाती है तो... हम डॉक्टरों से अपील करते हैं कि हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहाँ हैं।
राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सदस्यों की सूची :
सर्जन वाइस एडमिरल आर सरीन
डॉ डी नागेश्वर रेड्डी
डॉ एम श्रीनिवास
डॉ प्रतिमा मूर्ति
डॉ गोवर्धन दत्त पुरी
डॉ सौमित्र रावत
प्रोफ़ेसर अनीता सक्सेना, प्रमुख कार्डियोलॉजी, एम्स दिल्ली
प्रोफ़ेसर पल्लवी सप्रे, डीन ग्रांट मेडिकल कॉलेज मुंबई
डॉ पद्मा श्रीवास्तव, न्यूरोलॉजी विभाग, एम्स
राष्ट्रीय टास्क फोर्स के पदेन सदस्य:
भारत सरकार के कैबिनेट सचिव
भारत सरकार के गृह सचिव
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष
राष्ट्रीय परीक्षक बोर्ड के अध्यक्ष