Kolkata Rape-Murder Case: डॉक्टरों को काम पर लौटना होगा नहीं तो... RG Kar हॉस्पिटल के डॉक्टर्स पर SC की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट
Kolkata rape-murder case Supreme Court hearing : नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 9 अगस्त को हुए रेप और मर्डर केस की सुनवाई सोमवार 9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच कर रही है। सीबीआई ने मामले की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश की, जिसे जजों ने सीलबंद लिफाफे में समीक्षा की। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान पूछा कि प्रिंसिपल का घर अस्पताल से कितनी दूर है, जिस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि प्रिंसिपल का घर आरजी कर मेडिकल कॉलेज से 15 से 20 मिनट की दूरी पर है। पश्चिम बंगाल सरकार ने भी अस्पताल में हुए तोड़फोड़ की स्टेटस रिपोर्ट पेश की।
CJI का डॉक्टरों को निर्देश
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि डॉक्टरों को ड्यूटी पर लौटने दिया जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। अगर डॉक्टर काम पर वापस नहीं आते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। CJI ने आदेश दिया कि पुलिस यह सुनिश्चित करे कि सभी डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सुविधाएं जैसे अलग-अलग ड्यूटी रूम, शौचालय, और सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों को दो दिन का वक्त दिया और कहा कि यदि डॉक्टर अपने काम पर नहीं लौटते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सीबीआई और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच विवाद
सीबीआई के वकील तुषार मेहता ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार सीबीआई से महत्वपूर्ण जानकारी छुपा रही है और उन्होंने जवाब की कॉपी अभी तक नहीं दी है। पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि जवाब की कॉपी केवल कोर्ट में जमा की गई है और सीबीआई को नहीं दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि डॉक्टरों की हड़ताल के कारण 23 लोगों की मौत हो गई है क्योंकि उन्हें समय पर इलाज नहीं मिला। सुप्रीम कोर्ट ने जांच करने के लिए CBI को दिया एक हफ्ते का वक्त CBI के वकील ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रिपोर्ट का समय और वीडियोग्राफी करने वाले का विवरण नहीं है। इस पर अदालत ने CBI को 16 सितंबर तक नई स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
सुरक्षा और काम पर वापसी की आवश्यकता- SC
कोर्ट ने आदेश दिया कि जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाएं। सरकारी अस्पतालों में पुरुष और महिला ड्यूटी रूम और शौचालय अलग-अलग हों। डॉक्टरों को कल शाम 5 बजे तक काम पर लौटना होगा, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था
20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना को "भयावह" करार दिया और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स के गठन का आदेश दिया था। कोर्ट ने 22 अगस्त को कोलकाता पुलिस को अप्राकृतिक मौत के मामले में देरी के लिए फटकार लगाई थी। केंद्र सरकार ने 3 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों के खिलाफ 'जानबूझकर गैर-अनुपालन' की कार्रवाई करने की मांग की।
कोलकाता में न्याय की मांग
रविवार को कोलकाता में हजारों लोगों ने न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। पूर्व छात्रों, मिट्टी के मॉडलर, रिक्शा चालकों और जूनियर डॉक्टरों ने बलात्कार और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और "हमें न्याय चाहिए" के नारे लगाए।