कुवैत अग्निकांड में अब तक 49 लोगों की मौत, इनमें से अधिकतर भारतीय, सेना का विमान लाएगा शव
कुवैत अग्निकांड में अब तक 49 लोगों की मौत, इनमें से अधिकतर भारतीय
कुवैत अग्निकांड : दिल्ली। कुवैत (Kuwait) के मंगाफ शहर की बिल्डिंग में लगी भीषण से अब तक 49 लोगों की मौत हो गई है। इनमें से अधिकतर भरतीय हैं और केरल या तमिलनाडु के रहने वाले हैं। शव बुरी तरह जल गए हैं इसलिए अब तक किसी की पहचान उजागर नहीं हो पाई है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह गुरुवार तड़के कुवैत के लिए रवाना हो गए हैं। उन्होंने बताया कि, डीएनए टेस्ट से पहचान की जा रही है। भारतीय वायु सेना का विमान शव को लेकर भारत आएगा।
दिल्ली एयरपोर्ट से कुवैत के लिए रवाना होने से पहले विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, "हमने कल शाम प्रधानमंत्री के साथ बैठक की। जैसे ही हम वहां पहुंचेंगे, स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। स्थिति यह है कि, ज्यादातर पीड़ित जलने के शिकार हैं और कुछ शव इतने जल गए हैं कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है। पीड़ितों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट किया जा रहा है। वायुसेना का एक विमान तैयार है। जैसे ही शवों की पहचान हो जाएगी, परिजनों को सूचित कर दिया जाएगा और हमारा वायुसेना का विमान शवों को वापस ले आएगा। कल रात हमारे पास जो नवीनतम आंकड़े आए, उसके अनुसार हताहतों की संख्या 48-49 है, इनमें से 42 या 43 भारतीय बताए जा रहे हैं।"
जानकारी के अनुसार इस इमारत में कई प्रवासी मजदूर रहते थे। लोगों को इमारत से बाहर निकालने के लिए अभियान चलाया गया। कई लोग ईमारत के अंदर फंसे रह गए, धुंए में दम घुटने के कारण उनकी मौत हो गई। आग लगने की प्रमुख वजह बिल्डिंग के किचन में आग लगना थी। किचन की आग धीरे - धीरे पूरी बिल्डिंग में फ़ैल गई। कुछ लोग अपनी जान बचाने के लिए बिल्डिंग से कूद भी गए थे।
रियल एस्टेट दोषी :
कुवैत के उप प्रधानमंत्री ने इस घटना का दोष रियल एस्टेट व्यापारियों पर मढ़ा है। उनका कहना है कि, रियल एस्टेट मालिकों ने नियम का पालन नहीं किया। कई रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि, मजदूर यहां अवैध तरीके से रह रहे थे।