97 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले "लक्षद्वीप" में ये है विवादों के पीछे असल वजह
नईदिल्ली/वेब डेस्क। लक्षद्वीप कोरल द्वीपों का समूह है। जोकि भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है। यहां कोई विधानसभा नहीं है, राज्य प्रशासन की कमान राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त प्रशासक संभालता है। वर्तमान प्रशासक प्रफुल्ल पटेल द्वाराा लागू किए नए कानूनों को लेकर विवाद चल रहा है। विपक्ष के नेता और कुछ स्थानीय लोग प्रशासक पर जनभावना को आहत करने का आरोप लगा रहें है। वहीँ पटेल का कहना है की सभी बदलाव नियम के अनुरूप किए जा रहे है।
BJP backed Administrator Praful Patel has a track record of controversies & bad governance. He is specifically assigned the task of ruining the peace and harmony of Lakshadweep.
— K K Ahmed (@iKKAhmed) May 28, 2021
Let's play our part to stop the destruction.#BJPDestroyingLakshadweep @mkstalin @juhiesingh pic.twitter.com/v9KEt5AXXI
साल 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल आबादी करीब 64 हजार है। जिसमें 97 फीसदी लोग मुस्लिम समुदाय से है। इस राज्य में मुस्लिम आबादी बढ़ने के बाद इन्होंने शराब को प्रतिबंधित कर दिया। ये लोग बड़ी संख्या में गाय और बैल काट कर खाते है। वह भी बिना किसी फिटनेस सर्टिफिकेट के। पूरे भारत में पंचायत चुनाव में 2 से ज्यादा बच्चे वाले चुनाव नहीं लड़ सकते लेकिन यह कानून लक्ष्यदीप में लागू नहीं किया गया। दूसरे राज्य से जाने वाले अन्य लोगों के बसने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया।
इन्हीं व्यवस्थाओं को बदलने के लिए प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने नए नियम लागो किए है, जिनका विरोध हो रहा है। उन कानूनों में सबसे प्रमुख है एनिमल प्रिजर्वेशन रेगुलेशन-2021 जिसके तहत राज्य में गौवंश की हत्या पर रोक लगा दी गई है। जिसके बाद यहां बीफ मिलना पूरी तरह बंद हो गया है। इस कानून को लोग भोजन पर प्रतिबंध लगाने के रूप में प्रचारित कर रहे हैं। प्रफुल पटेल का दूसरा निर्णय है शराब की बिक्री पर छूट। इससे पहले यहां शराबबंदी थी, जिसके कारण पर्यटन पर असर पड़ रहा था। तीसरा निर्णय है, 'लक्षद्वीप डवलपमेंट अथॉरिटी रेगुलेशन, 2021' इसके तहत प्रशासक शहर के विकास के लिए स्थानीय लोगों को उनकी संपत्ति से हटा सकता है। चौथा निर्णय है प्रिवेंशन ऑफ एंटी-सोशल ऐक्टिविटीज एक्ट इससे पर्यटकों के साथ होने वाली घटनाओं को रोका जा सकेगा। इस एक्ट के तहत प्रशासन किसी भी अपराधी को बिना नोटिस दिए गिरफ्तार कर कार्यवाई कर सकती है। लक्षद्वीप की सुरक्षा के लिए ये निर्णय प्रशासक द्वारा अहम् बताये जा रहे हैं।
प्रफुल्ल पटेल का कहना है की राज्य में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए ये क़ानून लागू किया गया है। उन्होंने कहा की कहा की यहां गांजे की स्मगलिंग से लेकर ड्रग्स का व्यवसाय बहुत बढ़ गया है, जिसे रोकने के लिए सख्त कानून लाना पड़ा है। वहीँ शराब पर दी गई छूट को लेकर प्रशासक का कहना है की राज्य में वर्तमान में भी गैर कानूनी तरीके से राज्य में शराब पी जाती है, जिसे देखते हुए इस पर प्रतिबंध हटा दिया गया है।
दरअसल, अभी तक मुस्लिम आबादी द्वारा अपने इस्लामी नियमों कानूनों की दुहाई देकर शराब पर रोक और गौवंश की हत्या पर छूट दे रखी थी। ये मुस्लिम देशों की तरह शरीया कानून लागू कर शासन चलना चाह रहें है, ऐसे भारतीय संविधान के अनुरूप देश के अन्य हिस्सों की तरह कानूनों को यहां लागू करने से इन्हें परेशानी हो रही है। अपराधियों के खिलाफ कोई सख्त कानून ना होने की वजह से अपराध और गरीबों का शोषण बढ़ रहा है। राज्य में नशे का कारोबार चरम पर है, इनके खिलाफ कानून ना होने से पुलिस भी कोई कार्यवाई नहीं कर पा रही है। अब गुंडा एक्ट आने से ऐसे लोग अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे, इसलिए वे विरोध कर रहें है।