Languages of MP: हिंदी के बाद मध्य प्रदेश में कौन सी भाषा सबसे ज्यादा बोली जाती हैं, जानिए...

Languages of MP: हिंदी के बाद मध्य प्रदेश में कौन सी भाषा सबसे ज्यादा बोली जाती हैं, जानिए...

Languages of Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है क्योंकि ये केंद्र में स्थित है। प्रदेश में सभी धर्म के लोग निवास करते हैं। जिसकी वजह से यहां कई प्रकार की भाषाएं बोली जाती हैं। एमपी सात राज्यों से घिरा हुआ है। जिसके कारण यहां के लोग तरह-तरह की भाषाएं बोलते हैं। अगर हम एमपी की सबसे प्रमुख भाषा की बात करें तो वो हिंदी है। प्रदेश में सबसे ज्यादा हिंदी बोलने वालों की संख्या है। हिंदी के अलावा उर्दू, मालवी, निमाड़ी, बुंदेली, बघेली, अवधी अन्य भाषाएं भी बोली जाती हैं। इनके अलावा गोंडी, कतलो, भीली, निहाली और कोरकू आदिवासी क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषाएं हैं। ये भाषाएं मध्य प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में बोली जाती हैं।

हिंदी

हिंदी, मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है और प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में बोली जाती है। हिंदी सबसे आम भाषा है जो सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों और घरों में बोली जाती है। इस भाषा को बढ़ावा देने और सम्मान देने के लिए हर साल 14 सितंबर को को "हिंदी दिवस" ​​मनाया जाता है। हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा है।

बुंदेली

बुंदेली भाषा उन क्षेत्रों में बोली जाती है जो उत्तर प्रदेश राज्य के बहुत करीब है। इन क्षेत्रों को बुंदेलखंड के रूप में जाना जाता है। बुंदेली मध्य प्रदेश की दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। बुंदेली बोली जाने वाले प्रमुख शहर झांसी, दतिया, टीकमगढ़, राठ, ललितपुर, सागर, दमोह, ओरई, पन्ना, हमीरपुर, महोबा, बांदा, जबलपुर, नरसिंहपुर और छतरपुर हैं।

उर्दू

उर्दू, हिंदी की तरह साधारण भाषा नहीं है। यह मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के उन क्षेत्रों में बोली जाती है जहां मुख्य रूप से मुस्लिम धर्म से जुड़े लोग रहते हैं। उर्दू की बात करें तो मुख्य रूप से सबसे ज्यादा राजधानी भोपाल में बोली जाती है। भोपाल के अलावा यह कुरवाई और बुहरानपुर में भी बोली जाती है।

निमाड़ी

यह भाषा मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र के लोगों द्वारा बोली जाती है। निमाड़ क्षेत्र महाराष्ट्र राज्य से सटा हुआ और मालवा क्षेत्र के दक्षिण में स्थित है। निमाड़ी बड़वानी, पूर्व और पश्चिम निमाड़ और धार, हरदा और दक्षिण देवास जिलों के कुछ हिस्सों में बोली जाती है।

मालवी

मालवी भाषा, मुख्य रूप से मालवा क्षेत्र से जुड़े लोगों द्वारा बोली जाती है। मालवी राजस्थानी भाषा है और मध्य प्रदेश के उन हिस्सों में बोली जाती है जो राजस्थान के बेहद करीब हैं। दरअसल, एमपी-राजस्थान की सीमा एक-दूसरे से लगती है जिसकी वजह से एमपी वासी इस भाषा को बोलते हैं।

बघेली

बघेली भाषा एमपी के पूर्वोत्तर क्षेत्र में मौजूद बघेलखंड में बोली जाती है। बघेलीखंड क्षेत्र में मध्य प्रदेश के अनूपपुर, रीवा, सतना, शहडोल, सीधी और उमरिया जिले आते हैं। इन जिलों के लोगों द्वारा आमतौर पर यह भाषा ही बोली जाती है। बता दें कि, इन तमाम तरह की भाषाओं के अलावा मराठी और गुजराती भी मध्य-प्रदेश के कुछ सुदूर इलाकों में बोली जाती है।

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