2000 साल पुराना है लीची का इतिहास, बिहार के इस शहर से है मशहूर, जानिए इसके बारे में

2000 साल पुराना है लीची का इतिहास, बिहार के इस शहर से है मशहूर, जानिए इसके बारे में
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क्या आपको पता है लीची का नाता भी इसी राज्य से निकलकर आता है जो इस शहर में सबसे मशहूर और ज्यादा पैदावार में मानी गई है। इस शहर का नाम मुजफ्फरपुर है।

Litchi History: वैसे तो कई फल फ्रूट्स आम, जाम, केला और सेब को आसानी से खाना हर कोई पसंद करते हैं लेकिन लीची का साथ हर किसी के लिए अनूठा होता है। देश के राज्य बिहार की राजधानी पटना के बारे में तो आप जानते ही होंगे लेकिन क्या आपको पता है लीची का नाता भी इसी राज्य से निकलकर आता है जो इस शहर में सबसे मशहूर और ज्यादा पैदावार में मानी गई है। इस शहर का नाम मुजफ्फरपुर है जहां देश ही नहीं दुनिया भर में भी लीची को यहां के उत्पादन के नाम से पहचाना जाता है।

जानिए लीची का इतिहास

इस खास तरह के फल लीची को फलों की रानी कहा जाता हैं यह एक ऐसा फल है, जिसमें सफेद रंग का गूदा और रस भरपूर मात्रा में होता है। फल का स्वाद इतना जबरदस्त होता है, कि हर कोई इसे खाना पसंद करते हैं। मुजफ्फरपुर की लीची को शाही लीची कहते हैं।

लीची की बात की जाए तो करीब 2000 साल पुराना है। इस फल को हजारों साल पहले चीन या चाइना में उगाया जाता था। भारत में लीची का आगमन 1800 साल बाद हुआ। भारत और चीन ही नहीं दुनिया के कई देशों जैसे अमेरिका, भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, वियतनाम, ब्राजील ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, मेडागास्कर और दक्षिण अफ्रीका में लीची का उत्पादन होता है।

मुजफ्फरपुर ने दुनिया में दिलाई पहचान

इस खास तरह के फल के उत्पादन के मामले में मुजफ्फरपुर ने भारत का स्थान दूसरा बनाया है। यहां इस शहर में सिर्फ 12000 हेक्टेयर में लीची की खेती होती है। जिसके पैदावार और उत्पादन के लिए 5-7 PH मान वाली बलुई दोमट मिट्टी को सबसे अच्छा माना गया है। बिहार में लीची की खेती नदियों के किनारे या आसपास के क्षेत्रों में होती है। यहां पर आपको लीची के बागान भी देखने के लिए मिल जायेंगे।

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