राम मंदिर से स्टैचू ऑफ यूनिटी तक: एलएंडटी के अरविंद गर्ग ने स्‍वदेश के साथ साझा किए अपने अनुभव और भविष्य की योजनाएं….

एलएंडटी के अरविंद गर्ग ने स्‍वदेश के साथ साझा किए अपने अनुभव और भविष्य की योजनाएं….
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लार्सन टूब्रो के लिए प्रभू श्री राम मंदिर निर्माण एक विशेष अनुभव - अरविंद के गर्ग

दीपक उपाध्याय, नई दिल्ली। देश की जानी मानी कंस्ट्रक्शन और हैवी मशीनरी कंपनी लार्सन एंड टूब्रो ने पिछले कुछ सालों में भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण से लेकर अटल सेतू, स्टैचू ऑफ यूनिटी और नरेंद्र मोदी स्टेडियम जैसे कई प्रोजेक्ट किए हैं। कंपनी के निर्माण एवं खनन मशीनरी कारोबार के प्रमुख अरविंद के गर्ग से कंपनी और सेक्टर के बारे में स्वदेश के ने बातचीत की।

सवाल: भगवान श्री राम का भव्य मंदिर का कंस्ट्रक्शन आपकी कंपनी कर रही है, निर्माण में लगे लोगों का अनुभव कैसा था?

अरविंद के गर्ग- देखिए, पिछले साल सितंबर में, मैं वहां गया था, जिस तरह का जज्बा मैंने वहां हमारे लोगों में देखा, वो कमाल का था। हमारे प्रोजेक्ट मैनेजर की बिटिया की शादी फरवरी में होनी थी, मैंने उनसे पूछा कि आप यहां मंदिर बना रहे हो और आपकी बेटी की शादी कैसे होगी, तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं श्री राम का मंदिर बना रहा हूं, प्रभू राम मेरी बेटी की शादी का ख्याल रखेंगे।

इससे आप समझ सकते हैं कि किस तरह का जज्बा लेकर काम हो रहा है। हमको यह मौका मिला है और हमको अच्छे से अच्छा करना है। इसको वर्ल्ड क्लास बनाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के सपने के हम साझीदार हैं। हमको एक बार काम दे दिया जाए, फिर हमें अर्जुन की तरह चिड़िया की आंख की तरह वो ही दिखता है।

श्री राम का भव्य मंदिर बनाना हमारे लिए चुनौती था, लेकिन जितनी बड़ी चुनौती उतने ही बड़े जज्बे से हम काम करते हैं।

सवाल: इस सरकार में ढांचागत क्षेत्र में कितना बड़ा बदलाव आप भारत में देखते हैं?

अरविंद के गर्ग- भारत में आज की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ढांचागत क्षेत्र में जो काम कर रही है, वो काबिले तारीफ है। अब आप एयरपोर्ट देखिए, हमने पुराना भी दिल्ली का एयरपोर्ट देखा है और अभी का भी, सड़क देखिए, वर्ल्ड क्लास हैं, अब एक्सीडेंट कितने कम हो गए हैं।

देश में बहुत कुछ बदल रहा है। देश को बदलने की इस प्रक्रिया में एलएंडटी साझेदार है। हमने बहुत सारे प्रोजेक्ट किए हैं, चाहे वो अटल सेतू हो, दुनिया का सबसे ऊंचा स्टैचू (सरदार पटेल का स्टैचू ऑफ यूनिटी) हो, नरेंद्र मोदी स्टेडियम हो, बुलेट ट्रेन हो, आज जो भी प्रोजेक्ट हो, हम कर सकते हैं।

सवाल: आप तकनीक की बात करते हैं तो किस तरह की तकनीक आप नई मशीनों में लेकर आ रही है और इससे अर्थव्यवस्था को कितना फायदा होगा?

अरविंद के गर्ग- देखिए, अब हमारे पास इस तरह की तकनीक वाली मशीनें हैं, जोकि एक आदेश के बाद उसी तरह से काम करती हैं,यानि हमें कितना खोदना है और कहां तक खोदना है, इसकी प्रोग्रामिंग मशीन में होने के बाद वो उसी तरह से काम करती हैं।

इस तरह की मशीन हम पहली बार भारत में लेकर आए हैं, जोकि इस पूरे माइनिंग सेक्टर के लिए क्रांतिकारी कदम है। इससे हमारे रिसोर्सेज बर्बाद नहीं होते। इसके साथ साथ ईंधन इस तरह की बड़ी मशीनों में बहुत महत्वपूर्ण होता है। हमारी सभी मशीनें बायोफ्यूल कंप्लाइंस है।

अब हम 30 प्रतिशत तक बायोफ्यूल ब्लैंडिंग वाली मशीनें तैयार करने जा रहे हैं। जोकि ईंधन में 30 प्रतिशत तक बचत करेगी। इसके साथ साथ हमारी मशीनें टेलीमैट्रिक्स के साथ हैं, जोकि हमें मशीन और उसके चलाने वाले की पूरी जानकारी देती है, ताकि मशीन को बेहतर तरीके से चलाया जा सके।

सवाल: आपकी कंपनी का कितना बड़ा नेटवर्क है और कैसे लोगों को ट्रेनिंग देते हैं?

अरविंद के गर्ग- हमने अभी तक अपनी मशीनों के जरिए माइनिंग सेक्टर में एक लाख से ज्य़ादा लोगों को ट्रेंड किया है, हम कमात्सू का सर्टिफिकेट मिला हुआ है। हमारे पूरे देश में छह सर्विस स्टेशन हैं। दरअसल 1998 में लार्सन एंड टब्रो के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई थी।

जिसका प्लांट बैंगलुरु में एक प्लांट लगाया था। इसकी सेल्स पूरी तरह से एलएंडटी करती थी। 2013 के बाद हमने तय किया कि कमोत्सू सिर्फ मैन्यूफैक्चरिंग पर फोकस करेगा और हम सेल्स और ऑफटर सेल्स देखेंगे।

सवाल: माइनिंग मशीन सेक्टर में एलएंडटी अपने को कहां देखती है?

अरविंद के गर्ग- माइनिंग सेक्टर में जितनी भी मशीन बिकती है, उसमें हमारी हिस्सेदारी 27 प्रतिशत है। उसमें भी प्राइवेट सेक्टर में हमारी हिस्सेदारी काफी ज्य़ादा है। दरअसल भारत में पब्लिक सेक्टर में जो मशीनरी खरीदी जाती हैं, उस निविदा प्रक्रिया में कम से कम बोली लगाने वाले को टेंडर मिलता है।

लेकिन अगर आपको सबसे बेहतर मशीन चाहिए तो वो सस्ते में कैसे मिलेगी। हालांकि पब्लिक सेक्टर के लिए हम अपनी प्राइसिंग को कमात्सू के मिलकर कम करने की कोशिश करते हैं। चाहे कोल माइन हो, सीमेंट कंपनी हो, या फिर आयरन ओर हो, हमारी मशीन सभी सेक्टर इस्तेमाल कर रहे हैं।

सवाल: आपकी आने वाले साल में क्या योजना है, कितनी बढ़ोतरी आपके कारोबार में होगी?

अरविंद के गर्ग- देखिए जहां तक माइनिंग और कंस्ट्रक्शन कारोबार की बात है, हम कम से कम 15 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेंगे। हम अपने लिए अगले पांच सालों के लिए “लक्ष्य विजन प्लान” बना रहे हैं, यानि अगले पांच सालों में हम अपनी कंपनी को कहां देखते है, इसकी योजना बना रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि अगले पांच सालों में अपनी सेल्स को मुनाफे को दोगुना कर लें।

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