Maa Sharda Temple Maihar: बड़ा ही चमत्कारी है मैहर का शारदा देवी मंदिर...

Maa Sharda Temple Maihar: बड़ा ही चमत्कारी है मैहर का शारदा देवी मंदिर...

संस्कृति और धार्मिक लिहाज से भारत अन्य देशों से काफी धनी है। यहां के हर राज्य, हर शहर में आपको कुछ ऐसे अनोखे दृश्य और पौराणिक कथाओं से जुड़ी कहानी सुनने एवं देखने को मिल जाएंगी जो आपने कही और नहीं देखी होगी। कुछ ऐसा ही मध्य प्रदेश के मैहर में त्रिकूट पर्वत की ऊंची चोटी पर देखने को मिलती है। जहां पर मां शारदा का प्रसिद्ध मंदिर है। हिंदू पौराणिक मान्यता के अनुसार, मां सती के अंग जहां-जहां पर गिरे थे, वहां-वहां पर एक शक्तिपीठ स्थापित हो गया। ऐसे ही 51 शक्तिपीठों में एक मां शारदा का पावन धाम भी है जो मध्य प्रदेश के मैहर में त्रिकूट पर्वत की ऊंची चोटी पर स्थित है। जिसके बारे में मान्यता है कि यहां पर माता सती का हार गिरा था।

बता दें कि, मां शारदा का यहां भव्य और सुंदर मंदिर है जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों का मन मोहने का काम करता है। पहाड़ की चोटी पर स्थित मैहर देवी का यह मंदिर अपने चमत्कारों के लिए देश-दुनिया में विख्यात है। मान्यता है कि मैहर वाली मां शारदा के महज दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही भक्तों के सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण हो जाती है।

क्या है मान्यता?

शारदा माता मंदिर के बारे में भक्तों के बीच मान्यता है कि इस मंदिर के दरवाजे बंद होने के बाद जब पुजारी पहाड़ से नीचे आ जाते हैं और वहां कोई नहीं रहता है। इस बीच मंदिर में दो वीर योद्धा आल्हा और उदल अदृष्य होकर माता की पूजा करने के लिए आते हैं और पुजारी के पहले ही मंदिर में पूजा करके चले जाते हैं। कहा जाता है कि आल्हा-उदल ने ही घने जंगलों वाले इस पर्वत पर मां शारदा की इस मंदिर की खोज की थी। इसके साथ ही 12 साल तक लगातार तपस्या करके माता से अमरत्व का वरदान भी प्राप्त किया था। मान्यता यह भी है कि इन दोनों भाइयों ने माता को प्रसन्न करने के लिए भक्ति-भाव से अपनी जीभ शारदा मां के चरणों में अर्पित कर दी थी। लेकिन माता ने उसी क्षण दोनों भाईयों के जीफ वापस कर दिए थे।

माता शारदा विद्या, बुद्धि और कला की हैं धनी

सनातन धर्म के मुताबिक, माता शारदा को विद्या, बुद्धि और कला की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि, परीक्षा-प्रतियोगिता की तैयारी में जुटे छात्र मां शारदा का विशेष आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी संख्या में यहां पर आते हैं ताकि उनपर शारदा मां की असीम कृपा बनी रहे। ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन से मां शारदा की पूजा करने से सुख-समृद्धि मिलती है और कभी अकाल मृत्यु नहीं होती। मां शारदा की कृपा से वह सदैव भय और रोग से सुरक्षित रहता है। करीब 600 फीट ऊंचे इस शक्तिपीठ में माता के दर्शन के लिए भक्तों को मंदिर की 1001 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।

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