महंत नरेंद्र गिरि भू-समाधि में लीन, पोस्टमार्टम में सामने आया मौत का कारण
प्रयागराज।बाघंबरी गद्दी पीठ के महंत नरेंद्र गिरी महाराज को आज भू समाधि दी गई। पोस्टमार्टम के बाद महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी लाया गया। जहां फूलों से सजे वाहन में पार्थिव शरीर को विराजमान करके नगर भ्रमण कराया गया। दारागंज होते हुए शव को संगम ले जाया गया। यहां देह को अंतिम स्नान कराया गया। इसके बाद महंत के पार्थिव शरीर को श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी लाया गया। यहां उनकी अंतिम इच्छानुसार मठ के अंदर नींबू के पेड़ के नीचे समाधि दी गई। समाधि की प्रक्रिया नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट में घोषित उत्तराधिकारी बलवीर ने संपन्न कराई।
महंत नरेंद्र गिरि को बैठी हुई अवस्था में भू समाधि दी गई है।इस दौरान संतों ने वैदिक मन्त्रोच्चार और शिव उद्घोष किया। इस दौरान 13 अखाड़े के साधु-संत मौजूद रहे। आखिर में शुद्धिकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। साधू-संतों के साथ ही जनता भी वहां मौजूद है और उनके अंतिम दर्शन किए।अंतिम प्रक्रिया में एक क्विण्टल फूल, दूध और पंचमेवा, मक्खन समेत 16 चीजें समाधि में डाली गईं है। अंतिम प्रक्रिया को कुछ देर के लिए परदे से भी ढका गया। जब भरने का काम हो जाएगा तो इस स्थल को गोबर से लीपा जाएगा।
पोस्टमार्टम में फांसी की पुष्टि -
इससे पहले आज सुबह महंत नरेन्द्र गिरी के शव का पोस्टमार्टम किया गया, जो करीब दो घंटे तक चला। चिकित्सकों की पांच सदस्यीय टीम ने पोस्टमार्टम किया है, जिसकी पूरी वीडियोग्राफी हुई है। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को मठ में ले जाया गया। जहां नगर भ्रमण के बाद समाधि दी गई। इसी बीच नरेंद्र गिरि की शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ चुकी है। जिसके अनुसार मौत की शुरुआती वजह फांसी बताई जा रही है। नरेंद्र गिरि का विसरा भी सुरक्षित रखा गया है।