Maharaj Movie Review : जानें कैसी है आमिर खान के बेटे की डेब्यू फिल्म महाराज, पढ़ें मूवी रिव्यू

Maharaj Movie Review : जानें कैसी है आमिर खान के बेटे की डेब्यू फिल्म महाराज, पढ़ें मूवी रिव्यू
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Maharaj Movie Review :आमिर खान के बेटे जुनैद खान की डेब्यू फिल्म महाराज नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है|

आमिर खान के बेटे जुनैद खान ने अपनी पहली फिल्म "महाराज" से अभिनय की दुनिया में कदम रखा है, जो नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है। सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में जुनैद के साथ जयदीप अहलावत और शालिनी पांडे मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म की कहानी सौरभ शाह की किताब "महाराज" पर आधारित है। आइए जानें कैसी है उनकी यह फिल्म।

कहानी

महाराजकी कहानी करसन (जुनैद खान) और जेजे (जयदीप अहलावत) के इर्द-गिर्द घूमती है। करसन समाज में सुधार लाना चाहता है, जाति-पांति नहीं मानता और विधवा विवाह का समर्थन करता है। दूसरी ओर, जेजे एक संप्रदाय का प्रमुख है जो धर्म के नाम पर लोगों के अंधविश्वास का फायदा उठाता है और लड़कियों का शोषण करता है। जेजे की वजह से करसन की जिंदगी में उथल-पुथल मच जाती है और वह जेजे की सच्चाई उजागर करने के लिए निकल पड़ता है।

डायलॉग

लेखिका स्नेहा देसाई और विपुल मेहता ने भी तालियां बजाने योग्य काम किया है। 'सवाल न पूछे वो भक्त अधूरा है और जो जवाब न दे सके वो धरम अधूरा है' जैसी लाइन शानदार हैं। यहां तक कि 'धार्मिक मान्यताएं बेहद निजी, व्यक्तिगत और पवित्र हैं' जो बहुत ही प्रभावशाली दिखाई देती हैं, और किरदारों का उत्साह बढ़ाने के लिए प्रेरित करती हैं। हालांकि, स्क्रिप्ट कुछ जगहों पर खिंची हुई लगती है।

महाराज में अभिनय

आमिर खान को मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहा जाता है, इसलिए उनके बेटे जुनैद खान से भी अभिनय के मामले में बड़ी उम्मीदें थीं। पहली फिल्म में, जुनैद खान ने अपने एक्सप्रेशंस पर अच्छा काम किया है और किरदार को गहराई से निभाया है। हालांकि, उनकी डायलॉग डिलीवरी में थिएटर का प्रभाव नजर आता है, जिसे सुधारने की जरूरत है। उन्हें रंगमंच की दुनिया से थोड़ा बाहर आकर सिनेमा के भाव को पकड़ना होगा।

जयदीप अहलावत ने एक बार फिर दिखा दिया कि अभिनय में उनका कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने जेजे के किरदार को जिस तरह से जीवंत किया है, वह सराहनीय है। उनके एक्सप्रेशंस और कैरेक्टर की पकड़ बेहतरीन है।शालिनी पांडे ने भी अपने किरदार को अच्छी तरह निभाया है, जबकि शरवरी वाघ का किरदार कमजोर और ज़बरदस्ती जोड़ा हुआ लगता है, जिससे फिल्म का फ्लो टूटता है। उनकी डायलॉग डिलीवरी भी कमजोर प्रतीत होती है, जिससे दर्शकों का जुड़ाव कम हो जाता है।

निर्णय

जुनैद खान ने अपने पहले प्रयास में अच्छा प्रदर्शन किया है, और अगर वह इसी मेहनत को जारी रखते हैं, तो भविष्य में बेहतरीन फिल्में कर सकते हैं। फिल्म की खासियत जयदीप अहलावत का अभिनय है। महाराज सिर्फ एक फिल्म नहीं है जो वास्तविक जीवन की घटना के बारे में बात करती है बल्कि उस समाज के बारे में भी बहुत कुछ कहती है जिसका हिस्सा बनना चाहता है। फिल्म ओटीटी पर उपलब्ध है और एक बार देखने लायक जरूर है।

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