बागी विधायकों ने शिवसेना बालासाहेब गुट बनाया, नाराज शिवसैनिक सड़कों पर उतरे, कई जगह की तोड़फोड़
मुंबई। महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट का जल्द हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। जहां एक और एकनाथ शिंदे बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी से लगातार बयान बाजी कर रहे है।वहीँ उद्धव ठाकरे मातोश्री में बैठकर कड़े कदम उठाने की योजना बना रहे है। उन्होंने आज शाम राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है।जिसमे बड़ा निर्णय ले सकते है। दूसरी ओर बागी विधायकों ने शिवसेना बालासाहेब के नाम से नए गुट की घोषणा कर दी है। शिंदे गुट का दावा है की उन्हें 40 से ज्यादा शिवसेना विधायकों और कई और निर्दलीयों का समर्थन है।
पार्टी टूटती देख नाराज शिवसैनिकों ने एकनाथ शिंदे के गुट के विधायक तानाजी सावंत के कार्यालय में शनिवार को तोड़फोड़ की। शनिवार को आक्रामक शिवसैनिकों ने बागी विधायक मंगेश कुडालकर और तानाजी सावंत के कार्यालयों की तोड़फोड़ की है। इसके बाद इनके कार्यालयों पर आक्रामक शिवसैनिकों ने गद्दार लिख दिया है।
औरंगाबाद में बागी विधायक संदीपन भूमरे के बैनर पर कालिख पोता गया है। इसी तरह नासिक में बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे के बैनर पर कालिख पोती गई है। शिवसैनिकों की आक्रामकता के बाद बागी विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विधायकों की सुरक्षा वापस लेने का आरोप लगाया है। साथ ही शिंदे ने राज्य में पंजाब के मूसेवाला कांड की पुनरावृत्ति की भी आशंका जताई है।
एकनाथ शिंदे ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा की सरकार ने विधायकों की सुरक्षा हटा ली है। ऐसे में किसी विधायक के घर और परिवार को कोई नुकसान पहुँचता है तो उसके लिए उद्धव और उनके बेटे आदित्य ठाकरे जिम्मेदार होंगे। इसका जवाब देते हुए गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा की किसी विधायक की सुरक्षा वापस नहीं ली गई है। वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सभी विधायकों को सुरक्षित रखने के लिए उनके आवास पर सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है।
इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द फडणवीस से मुलाकात कर निकले केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा की ये शिवसैनिक अब हिंसा पर उत्तर आए है। जोकि गलत है। उन्होंने कहा की संख्याबल एकनाथ शिंदे के साथ ऐसे में उद्धव कैसे बहुमत की बात कर रहे है। हालाँकि उन्होंने कहा कि शिवसेना में अंदरूनी कलह से हमारा कोई लेना-देना नहीं है।