महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी पहुंची गाजीपुर बॉर्डर, किसान आंदोलन को दिया समर्थन

महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी पहुंची गाजीपुर बॉर्डर, किसान आंदोलन को दिया समर्थन
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नईदिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन का आज 82 वां दिन है। सिंघु, टिकरी एवं गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का धरना जारी है। राजनीतिक दलों से समर्थन मिलने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता एवं अन्य लोग भी समर्थन दे रहे है। इसी कड़ी में आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी भट्टाचार्य किसान आंदोलन को समर्थन देने गाजीपुर बॉर्डर पहुंची। उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत से मुलाकात की। इस मौके पर टिकैत ने तारा गांधी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

तारा गांधी ने किसानों से यह आंदोलन शांतिपूर्वक चलाने की अपील करते हुए कहा कि मैं यहां तुम्हारे लिए प्रार्थना करने आई हूं। तारा ने कहा कि हम गांधी संस्थान से जुड़े हैं। हम गाजीपुर बॉर्डर पर किसी राजनैतिक दल के लिए कतई नहीं आए। हम आज यहां उस किसान के लिए आए हैं जिसने जिंदगी भर खिलाया। उन्होंने सीधे किसानों से कहा कि आपकी वजह से हम जिंदा हैं। किसान के हित में ही देश और हमारा हित है।

तारा गांधी ने कहा कि यह क्रांति की धरती है। देश की आजादी के लिए पहली क्रांति 1857 में मेरठ से ही हुई थी। बापू की पोती ने कहा कि इतने दिनों से चल रहा किसानों का आंदोलन अद्भुत है। वयोवृद्ध अवस्था में यहां आपके लिए प्रार्थना करने आई हूं। मैं चाहती हूं कि जो भी हो, जैसे भी हो, किसानों का भला होना चाहिए। किसानों की तपस्या किसी से छिपी नहीं है और यह बात भी किसी को बताने की जरूरत नहीं है कि किसान हित में ही देश का हित है और हम सबका हित है। इसलिए सरकार किसानों के हितों का ध्यान रखें और इतने दिनों से दिल्ली की दहलीज पर पड़े अन्नदाताओं की सुध लें। उन्होंने कहा कि किसानों को हिंसा की भाषा की आवश्यकता नहीं है। सत्य शांत रहकर खुद ही बोलता है। आज गाजीपुर बॉर्डर आकर मेरा जीवन सफल हो गया।

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