ममता प्रकरण मामले में जांच शुरू, अभी तक नहीं मिले साक्ष्य
नंदीग्राम। पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में नामांकन दाखिल करने पहुंची मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने ऊपर हमले के जो दावे किए, वे निराधार साबित हो रहे हैं। जिला प्रशासन ने बताया कि अभीतक की गई जांच में हमले का साक्ष्य नहीं मिला है। इसके पहले स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों ने भी दावा किया था कि किसी ने भी सीएम को धक्का नहीं दिया और न ही किसी ने उनपर हमला किया। बल्कि गाड़ी का दरवाजा खुला हुआ था और लोगों के बीच से निकलकर गाड़ी में चढ़ने के दौरान दुर्घटनावश मुख्यमंत्री गिर पड़ीं।
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक घटनास्थल पर पहुंचे हैं। सीएम को देखने के लिए जो लोग भी सड़कों पर उतरे थे और उनके साथ मौजूद थे, उन लोगों से बातचीत की जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के पास इतनी अधिक भीड़ थी कि किसी ने कुछ भी नहीं देखा है। घटना का वीडियो और उससे संबंधित तस्वीरें देखी जा रही हैं, जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी गई है और आयोग को अंतिम रिपोर्ट भी भेजी जाएगी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा सीएम खुद गिरी -
इस घटना में सीएम का दावा है की चार-पांच लोगों ने जानबूझकर उन्हें धक्का दिया। वहीँ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है की सीएम को किसी ने धक्का नहीं दिया बल्कि वे खुद भीड़ की वजह से गिर पड़ी थीं। मौके पर मौजूद एक छात्र ने बताया कि जब मुख्यमंत्री वहां आई थीं तब उन्हें देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ लग गई थी। उसी भीड़ से निकलकर जब ममता बनर्जी अपनी गाड़ी की तरफ जा रही थी तो अचानक गिर पड़ी थीं। गाड़ी के दरवाजे में ही उन्हें चोट लगी थी।
सवाल हमला या दुर्घटना -
एक अधेड़ उम्र के शख्स ने भी इसी तरह की कहानी बयां की है। मीडिया से मुखातिब उस शक्स ने बताया कि सीएम को किसी ने धक्का नहीं दिया। वह गाड़ी की तरफ बढ़ रही थीं और जैसे ही गाड़ी में चढ़ने की कोशिश की, उनका पैर फिसल गया और गिर पड़ी। इसी वजह से उन्हें चोट लगी है। इन प्रत्यक्षदर्शियों के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री के दावे पर सवाल खड़े होने लगे हैं। खास बात यह है कि घटना के 12 घंटे से अधिक का वक्त बीत जाने के बाद भी पुलिस ने अभीतक किसी की गिरफ्तारी नहीं की है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या सच में किसी ने ममता बनर्जी को धक्का दिया था या दुर्घटनावश वह गिर पड़ी थीं?