ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी से छीना मंत्री पद, अब पार्टी से निकालने की उठी मांग
कोलकाता। प. बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में पार्थ चटर्जी और उनकी महिला सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज पार्थ को मंत्रिमंडल से हटा दिया है।गुरुवार को राज्य सचिवालय नवान्न में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्य के मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी की तरफ से इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई। इसमें बताया गया है कि पार्थ चटर्जी को राज्य सरकार के उद्योग, संसदीय कार्य और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के मंत्री के पद से हटा दिया गया है। फिलहाल ये तीनों मंत्रालय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास रहेंगे।
Mamta sacks Partha Chatterjee from the cabinetउल्लेखनीय है कि शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने शुक्रवार को नाकतला स्थित पार्थ के घर छापेमारी की थी। वहां उनकी महिला सहयोगी अर्पिता का नाम पता मिला था, जहां छापेमारी करने के बाद ईडी के अधिकारियों ने 22 करोड़ रुपये नकद, 79 लाख के जेवर, 20 मोबाइल फोन और विदेशी मुद्रा बरामद हुई थी। उसके बाद से अर्पिता और पार्थ ईडी की हिरासत में हैं।
28 करोड़ नकदी बरामद -
इनसे पूछताछ के बीच बुधवार को दोपहर के समय ईडी के अधिकारियों ने उत्तर 24 परगना के बेलघरिया स्थित अर्पिता के एक और फ्लैट में छापेमारी की गई, जहां से 27 करोड़ 19 लाख रुपये नकद, करीब दो करोड़ के सोने के बर्तन-गहने और चांदी के सिक्के तथा कुछ संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए गए। इसके बाद से लगातार पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से हटाने का दबाव बन रहा था। विपक्ष इसकी मांग तो लगातार कर ही रहा था, इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता और प्रदेश सचिव कुणाल घोष ने भी उन्हें मंत्रिमंडल और पार्टी के सभी पदों से भी हटाने की मांग की थी।