वैक्सीन मैत्री का असर : कोरोना कहर के बीच समूचे विश्व ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया
वेबडेस्क। देश में वैक्सीन के निर्माण के बाद भारत ने कोरोना महमारी से जूझ रहे विश्व के कई देशों को वैक्सीन मैत्री के तहत कोविड टीकेँ उपलब्ध कराएं। भारत द्वारा विश्व के सभी देशों को पहुंचाई गई इस मदद पर देश के अंदर विपक्ष के नेताओं ने कई प्रश्न उठाएं। सरकार विरोधी महौल तैयार करने वालों और विपक्ष के नेता लगातार विरोध करते रहें। वे बार - बार दूसरे देशों को वैक्सीन देने के स्थान पर भारत में वैक्सीनेशन बढ़ाने की मांग करते रहें। वैश्विक आपदा की इस घड़ी में राजनीति के लिए अवसर तलाशने वाले शायद भूल गए की दी हुई मदद वापिस लौट कर आती है।
यहीं कारण है की आज कोरोना की दूसरी लहर के समय जब भारत में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और अन्य मेडिकल उपकरणों की कमी महसूस हो रही है। तब हर देश आगे बढ़कर भारत की सहायता के लिए आगे बढ़कर आ रहा है। कोई भारत को ऑक्सीजन के क्रायोजेनिक टैंकर दे रहा है तो कोई वेंटिलेटर कोई आर्थिक सहायता। यूएई, फ्रांस क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर दे रहे है, यूरोपियन संघ सभी तरह की मदद की बात कर रहा है। अमेरिका वैक्सीन निर्माण के लिए कच्चामाल उपलब्ध करा रहा है। पश्चिमी और अन्य देशों के साथ भारत का पडोसी देश पाकिस्तान ने भी कोरोना विपदा पर एकजुटता दिखाते हुए मदद की पेशकश की है । ये मोदी सरकार की नीतियों का ही परिणाम है, जिसके कारण समूचे विश्व से हमें सहायता मिल रही है।