"इच्छाधारी प्रदर्शनकारी" योगेंद्र यादव और माओवाद से जुड़े किसान नेता की मांग पूरी न होने पर गणतंत्र दिवस को निशाना बनाने की धमकी
नईदिल्ली/वेब डेस्क। सिंघु बॉर्डर, दिल्ली- जयपुर हाईवे, चिल्ला बॉर्डर आदि पर चल रहे धरना प्रदर्शनों से जहां आमजन परेशान है वही तथाकथित 'किसान प्रदर्शनकारीयों के मंसूबों को भी लोग समझ नहीं पा रहे हैं। लगभग एक माह पूर्व शुरू हुए इस आंदोलन का मुख्य मुद्दा था कृषि कानूनों में संशोधन लेकिन जैसे जैसे दिन बीता मांगे बढ़ती ही चली गयीं। कल हुई एक प्रेस कांफ्रेंस में ऐलान किया गया की हरियाणा में भाजपा - जजपा का गठबंधन जब तक टूट नहीं जाता तब तक हरियाणा राज्य में जोर - शोर से आंदोलन जारी रहेगा।
वहीँ कुछ लोग कह रहे हैं की सरकार ने 2 मांगे मान ली हैं बाकी मांग भी सरकार मान लेगी इसका हमें भरोसा है। इस पूरे प्रदर्शन में आप गौर करेंगे तो पाएंगे की इस आंदोलन में कुछ ऐसे लोग घुसपैठ कर गए हैं जो किसानों को गुमराह कर रहे हैं। वो नहीं चाहते की गतिरोध जल्दी टूटे जितना हो सके आंदोलन लम्बा चले जिससे केंद्र में सरकार और सत्तारूढ़ दल पर लगातार आरोप लगाकर लोगो को बरगलाते रहें। इसी तारतम्य में हर जगह नजर आने वाले पूर्व आम आदमी पार्टी नेता, 'इच्छाधारी प्रदर्शनकारी' योगेंद्र यादव ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान लोकतंत्र का त्यौहार 'गणतंत्र दिवस' वाले दिन ट्रेक्टर परेड़ निकालने की धमकी दी है।
योगेंद्र यादव ने कहा, "अगर हमारी मांगें 26 जनवरी तक पूरी नहीं होती हैं, तो किसान दिल्ली में 'किसान गणतंत्र परेड' करेंगे। हम राष्ट्रीय राजधानी के निकटवर्ती क्षेत्रों के किसानों से अपील करते हैं कि वे तैयार रहें और देश के हर किसान परिवार से अनुरोध करें कि यदि संभव हो तो एक सदस्य को दिल्ली भेजें।"
गौरतलब है की सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच वार्ता में भाग लेने की योगेंद्र यादव को अनुमति नहीं दी गई है। क्योंकि उनका किसान नेता बनने का कहीं भी स्पष्ट उल्लेख नहीं है। इस बीच योगेंद्र यादव लगातार सरकार को धमकी दे रहे हैं। कथित प्रदर्शनकारी यादव ने 6 जनवरी को कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) में एक मार्च आयोजित करने की घोषणा के साथ कहा की वे शीघ्र ही एक तारीख की घोषणा करेंगे जब वे शाहजहाँपुर सीमा पर आगे बढ़ेंगे।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने भी शनिवार को यही घोषणा की- "प्रदर्शनकारी 26 जनवरी को दिल्ली में एक 'ट्रैक्टर किसान परेड' करेंगे।
यहाँ उल्लेख करना उचित है कि डॉ. दर्शन पाल पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PDFI) के संस्थापकों में से एक थे। पीडीएफआई माओवादी आंदोलन का एक घटक है, जो देश में वामपंथी आतंकवाद है।
हैदराबाद में डॉ. मैरिज चन्ना रेड्डी ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किए गए एक अध्ययन के अनुसार - माओवादियों द्वारा अपनी स्थिति को मजबूत करने और विस्तार करने के लिए पीडीएफआई गठित किया जो सामरिक संयुक्त मोर्चा (टीयूएफ) का एक हिस्सा था। दर्शन पाल पीडीएफआई की 51 सदस्यीय कार्यकारी समिति के संयोजक थे। दर्शन पाल के अलावा, PDFI के अन्य संस्थापक सदस्यों में वरवारा राव, कल्याण राव, मेधा पाटकर, नंदिता हक्सर, एसएआर गिलानी, बीडी सरमा आदि जैसे राष्ट्र-विरोधी और भाजपा-विरोधी नाम शामिल थे।
If our demands are not met till Jan 26,then farmers will hold 'Kisan Gantantra Parade' in Delhi. We appeal to farmers from adjoining areas of national capital to be prepared & request every farmer family of country to send a member to Delhi if possible:Yogendra Yadav,Swaraj India https://t.co/k9UmCQUk1c pic.twitter.com/a1olrK32Ko
— ANI (@ANI) January 2, 2021