महाराष्ट्र में चार साल तक सभी स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ना अनिवार्य

महाराष्ट्र में चार साल तक सभी स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ना अनिवार्य
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महाराष्ट्र। राज्य सरकार की नई सांस्कृतिक नीति में महाराष्ट्र के सभी स्कूलों में कम से कम चार साल मराठी अनिवार्य करने की सिफारिश की गई है। इसमें आठवीं कक्षा तक ड्राइंग को अनिवार्य विषय बनाने का सुझाव दिया गया है। साथ ही अगर छात्र 9वीं और 10वीं कक्षा में भी ड्राइंग चुनता है, तो उसे अंतिम मार्कशीट में खेल की तर्ज पर अतिरिक्त अंक जोड़ने होंगे।

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल द्वारा पारित सांस्कृतिक नीति में कहा गया है कि महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा पर लोक कला के संरक्षण के लिए विशेष मौद्रिक व्यवस्था की जाएगी। नीति में राज्य में राष्ट्रीय स्तर के ‘संगीत विश्वविद्यालय’ की भी सिफारिश की गई है। नीति में शिल्पकला, भाषा, दृश्य कला, किले और पुरातत्व, लोक कला, संगीत, रंगमंच, नृत्य, फिल्म और आध्यात्मिक संस्कृति जैसे 10 क्षेत्रों को को रखा गया है और इसके संबंध में सिफारिशें की गई हैं। भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद विनय सहस्रबुद्धे की अध्यक्षता वाली एक समिति ने नीति तैयार कर राज्य सरकार को सौंपी है।

सांस्कृतिक नीति में यह है प्रमुख सिफारिशें

नीति ने मराठी संरक्षण के लिए 25 साल की मास्टर प्लान का सुझाव दिया है, महाराष्ट्र राज्य सांस्कृतिक भवन का निर्माण, आदिवासी जिलों में लोक कला अनुसंधान और संरक्षण केंद्र और महाराष्ट्र लोक कला गैलरी का निर्माण, सभी बंद सिनेमाघरों को फिर से शुरू करना और थिएटर से संबंधित मुद्दों के लिए विधायक निधि का उपयोग करने की अनुमति देना, सभी बोर्डों के स्कूलों में शास्त्रीय नृत्य अवधि, सिंगल स्क्रीन फिल्म थिएटरों को पुनर्जीवित करना, स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में संतों के साहित्य को शामिल करना और राज्य की धार्मिक संस्कृति पर ड्राइंग बनाना।

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