मेरठ में राशन के बदले हिंदुओं को बनाया ईसाई, दीपावली पूजन पर की पिटाई, 9 लोग गिरफ्तार
मेरठ। उप्र के मेरठ जिले में बड़े स्तर पर धर्मांतरण का मामला सामने आया है।इसका संज्ञान लेते हुए एसएसपी मेरठ रोहित साजवान ने तत्काल ही एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए थे। देर शाम शुक्रवार को मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ में जुटी है।
दरअसल,ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के माधवपुरम में एक मलिन बस्ती है, जहां पर करीब 400 लोग रहते हैं. इन लोगों को लॉकडाउन के समय ईसाई समुदाय ने राशन वितरित किया था. आरोप है कि इन्हीं 400 लोगों को राशन का लालच देकर ईसाई समुदाय ने धर्म परिवर्तित कर दिया। वहीं 2 साल बाद जब इनमें से कुछ लोगों ने दीपावली के मौके पर हिंदू देवी देवताओं की पूजा की तो वहां पहुंचकर कुछ लोगों ने इनके साथ मारपीट की और हिंदू देवी देवताओं को पूजने से मना किया। जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ।
हिंदू संगठनों के संज्ञान में मामला आने के बाद भाजपा के महानगर मंत्री दीपक शर्मा के नेतृत्व में लोगों ने शुक्रवार को एसएसपी कार्यालय पर प्रदर्शन करके 400 लोगों को जबरन ईसाई बनाने के आरोप लगाए थे। इसके बाद एसएसपी रोहित सिंह सजवाण के निर्देश पर सीओ ब्रह्मपुरी ब्रिजेश कुमार ने जांच शुरू की। शुक्रवार देर रात क्राइम ब्रांच, इंटेलीजेंस, एलआईयू की टीमों ने मंगतपुरम में जाकर जांच शुरू कर दी। जांच में अभी तक पुलिस को मंगतपुरम में अस्थायी चर्च मिला और वहां से कुछ कागजात मिले। इससे पता चला है कि इस मतांतरण के तार दिल्ली से जुड़े हैं। दिल्ली निवासी महेश पास्टर ने पूरी योजना तैयार करके मतांतरण कराया। कोराना काल में मतांतरण की साजिश रची गई और इसकी नींव रखी गई। मंगतपुरम के लोगों की बेटियों की शादी और बच्चों की पढ़ाई का खर्च महेश उठा रहा था। मेरठ के रेलवे रोड निवासी अनिल इस मामले की निगरानी कर रहा था। पूरे मामले की अभी तक की जांच के आधार पर ब्रह्मपुरी थाने में बिनवा, अनिल, सरदार, निक्कू, छबीली उर्फ शिवा, बसंत, प्रेमा, तितली, रीना के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
एसएसपी ने सीओ ब्रह्मपुरी के नेतृत्व में पूरे प्रकरण की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। इंटेलीजेंस और एलआईयू ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। भाजपा के महानगर मंत्री दीपक शर्मा ने ईसाई बनाए गए 400 लोगों को वापस हिन्दू धर्म में लाने की मांग उठाई। इसके साथ ही बनाए गए अस्थायी चर्च को हटाने, लोगों के घरों में देवी-देवताओं के चित्र फिर से लगाने की मांग की गई।