ब्राह्मण युवक की शिखा उखाड़ने का मामला: थाना प्रभारी लाइन अटैच, सिपाही निलंबित, मऊगंज एसपी रसना ठाकुर बोलीं आरोप गलत
ब्राह्मण युवक की शिखा उखाड़ने का मामला : मऊगंज, मध्यप्रदेश। मऊगंज में पुलिस द्वारा एक युवक की शिखा उखाड़ने के मामले में मऊगंज एसपी रसना ठाकुर का बयान सामने आया है। एसपी रसना ठाकुर ने युवक के आरोपों को गलत बताया है। एसपी ने कहा कि, शिकायतकर्ता की छोटी थाने में नहीं उखाड़ी गई थी। इसके अलावा इस मामले में जानकारी सामने आई है कि, थाना प्रभारी लाइन अटैच कर दिए गए हैं जबकि सिपाही को निलंबित कर दिया गया है।
एसपी रसना ठाकुर ने बताया कि, 6 सितंबर को शाहपुर में एक्सीडेंट के कारण आशीष साकेत की मृत्यू हुई थी। मृतक की डेड बॉडी को सड़क पर रखकर चक्काजाम किया गया। एसपी ने बताया कि, चक्का जाम करने वाले लोगों को नरेंद्र कुमार मिश्रा लीड कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि, नरेंद्र मिश्रा नशे में थे। इन्होने लम्बे समय तक सड़क ब्लॉक कर रखा था। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। इसके बाद जब उनका मेडिकल कराया गया तो शिखा उखाड़ने जैसी कोई बात सामने नहीं आई। मेडिकल में भी चोट के कोई निशान सामने नहीं आये थे। मेडिकल रिपोर्ट से स्पष्ट था कि, गिरफ्तारी के समय नरेंद्र मिश्रा नशे की हालत में थे।
एसपी ने आगे बताया कि, घटना के 8 दिन बाद नरेंद्र मिश्रा ने शिकायत की। इसमें पुलिस द्वारा मारपीट किए जाने और शिखा उखाड़े जाने का जिक्र था। एडिशनल एसपी ने इस मामले की जांच की। नरेंद्र मिश्रा के शरीर पर चोट के निशान 24 घंटे पुराने बताये गए जबकि शिखा काटने जैसी कोई बात सामने नहीं आई। थाने की सीसीटीवी फुटेज में भी शिखा देखी गई है। इस तरह यह आरोप मिथ्या फैलाने के लिए लगाए गए हैं। अभी जांच जारी है। आगे की जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं इस घटना पर युवक का कहना है कि, "रविवार रात मुझे पुलिस उठाकर ले गई थी। इसके बाद थाने लाकर मेरे साथ मारपीट की गई। मेरी शिखा उखाड़ दी गई और मेरा जनेऊ भी तोड़ दिया गया।"