अफगानिस्तान की स्थिति अनिश्चित, हमारी प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा : विदेश मंत्रालय
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नईदिल्ली।विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अफगानिस्तान में किसकी सरकार है। अफगानिस्तान की स्थिति अभी अनिश्चित और अस्पष्ट है। ऐसे में किसी को मान्यता देने का सवाल अप्रसांगिक है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से गुरुवार को साप्ताहिक प्रेसवार्ता में पूछा गया कि क्या भारत तालिबान को मान्यता देने का इरादा रखता है। इस पर प्रवक्ता ने कहा, "अफगानिस्तान की स्थिति अनिश्चित है। हमारी प्राथमिकता भारतीय नागरिकों की सुरक्षा है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि काबुल में कौन सरकार बनाने जा रहा है। इस संबंध में मान्यता देने का मुद्दा जल्दबाजी होगा।"
घटनाक्रम पर करीबी नजर -
प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में हम करीबी नजर बनाए हुए हैं। वहां का घटनाक्रम लगातार बदल रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य देश भी इंतजार और नजर बनाए रखने का रवैया अपनाए हुए हैं। भारत एक शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक, समावेशी और स्मृद्ध अफगानिस्तान का हिमायती है।
अफगानिस्तान की महिला सांसद रंगीना कारगर को वापस लौटाया -
प्रवक्ता ने अफगानिस्तान की एक महिला सांसद रंगीना कारगर को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से वापस भेजे जाने की घटना को दुर्भायग्यपूर्ण बताया। महिला सांसद को गत बीस अगस्त को भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी तथा उन्हें वापस लौटना पड़ा था। अफगान सांसद ने उनके साथ हुए व्यवहार पर क्षोभ व्यक्त किया था।
इस संबंध में प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि यह पूरी घटना भ्रम के कारण हुई थी। काबुल में हालात बिगड़ने के बाद वहां वीजा संबंधी काम की देखभाल करने वाली एक भारतीय एजेंसी पर कुछ लोगों ने धावा बोल दिया था। इस घटना के मद्देनजर हमारी एजेंसियां अत्याधिक सावधानी बरत रही थी। इसी दौरान सरकार ने ई-इमरजेंसी वीजा व्यवस्था शुरु की थी। इस कारण भ्रम की स्थिति पैदा हुई और अफगान सांसद के साथ यह घटना हुई। सरकारी सूत्रों के अनुसार सांसद रंगीना कारगर अब ई-इमरजेंसी वीजा के लिए आवेदन कर सकती हैं।
ई-इमरजेंसी के तहत 6 महीने भारत रह सकते हैं अफगान नागरिक -
प्रवक्ता ने कहा कि ई-एमर्जेंसी वीजा के तहत भारत आने वाले लोग छह महीने तक यहां रह सकते हैं। भारत में पहले से रह रहे अफगान नागरिक जिनकी वीजा अवधी समाप्त हो रही है, उनके बारे में भी उचित फैसला किया जाएगा।
'देवी शक्ति' अभियान -
प्रवक्ता ने कहा कि 'देवी शक्ति' अभियान के तहत 6 उड़ानों से 550 लोगों को भारत लाया गया है। इनमें से 260 भारतीय नागरिक और राजनयिक मिशनों में कार्यरत कर्मचारी हैं। इसके अलावा अल्पसंख्यक हिन्दू व सिख अफगान नागरिकों तथा अन्य देशों के कुछ नागरिकों को लाया गया है। हमारी प्राथमिकता भारतीय नागरिकों पर केन्द्रित है लेकिन हम भारत के साथ एकजुटता दिखाने वाले अफगान लोगों के साथ खड़े हैं।
हवाई अड्डे पहुंचने में बहुत कठिनाई -
प्रवक्ता ने कहा कि अभी कुछ भारतीय नागरिक अफगानिस्तान में हो सकते हैं। वहां से आने वाली अंतिम उड़ान में केवल 40 लोग ही स्वदेश आ पाए। काबुल हालात के मद्देनजर अफगान नागरिकों को हवाई अड्डे पहुंचने में बहुत कठिनाई हो रही है। हमारी जानकारी के अनुसार 25 अगस्त को हिन्दू और सिख अफगान नागरिक 25 अगस्त को हवाई अड्डे नहीं पहुंच पाए। उनके बीना ही हमारी उड़ान भारत आई।
प्रवक्ता से यह पूछा गया था कि कुछ अल्पसंख्यक सिखों और हिन्दुओं को हवाई अड्डे पर आने से रोका गया और उन्होंने एक गुरुद्वारे में शरण ले रखी है।यह पूछे जाने पर की क्या भारत ने तालिबान के साथ कोई संपर्क स्थापित किया है, प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान के सभी पक्षकारों के साथ हमने संपर्क किया है। इसके साथ ही हम मित्र देशों सहित सभी से संपर्क बनाए हुए हैं।