चारधाम यात्रा पर ड्रोन से होगी दवाओं की सप्लाई, सरकार ने बनाया 3 स्तरीय हेल्थ मॉडल

चारधाम यात्रा पर ड्रोन से होगी दवाओं की सप्लाई, सरकार ने बनाया 3 स्तरीय हेल्थ मॉडल
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साथ ही मेडिकल के पीजी स्टूडेंट्स की टीम की यात्रा मार्ग के विभिन्न पॉइंट्स पर ड्यूटी लगाई जाएगी

देहरादून। देश की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू होने जा रही है। इससे पहले यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को केंद्र सरकार ने बड़ी सौगात दी है। आपातकाल की स्थिति में यात्रियों को ड्रोन के माध्यम से दवाईयां उपलब्ध कराई जाएंगी। सरकार ने तीर्थ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों के लिए 3 स्तरीय स्वास्थ्य सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। जिसके तहत यात्रा मार्ग में यात्रियों की तबियत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल लाने-ले जाने के लिए एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही यात्रियों के नियमित चेकअप एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए मेडिकल के पीजी स्टूडेंट्स को नियुक्त किया जाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने ये जानकारी दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि हर साल बदेश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु चार धाम की तीर्थ यात्रा पर यहां आते है। पहाड़ों के दुर्गम रास्तों पर चलते समय कई लोगों की तबियत बिगड़ जाती है। जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस साल यात्रियों के लिए त्रि स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत एंबुलेंस और स्ट्रोक वैन का एक मजबूत नेटवर्क तैयार किया जा रहा हैताकि श्रद्धालुओं को समय पर ही रास्ते में उपचार मिल सके।

बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना लक्ष्य -


इसके अलावा मेडिकल के पीजी स्टूडेंट्स की टीम की यात्रा मार्ग के विभिन्न पॉइंट्स पर ड्यूटी लगाई जाएगी। साथ ही एम्स ऋषिकेश, दून और श्रीनगर मेडिकल कॉलेजों से रेफरल सहायता के साथ दवाइयों को मौके पर ड्रोन के माध्यम से पहुंचाया जाएगा। सरकार का मकसद यात्रियों को समय पर बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराकर यात्रा को सुखद बनाना है।

हर साल बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा -

बता दें की केदार नाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री समेत अनेक तीर्थ स्थल 10 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है। जिसके कारण हर साल यहां आने वाले श्रद्धालुओं की तबियत बिगड़ जाती है। साल 2022 में 27 दिन यात्रा के दौरान 120 लोगों की तबियत बिगड़ने से मौत हो गई थी। इससे पहले साल 2019, 2018 और 2017 में 90, 102 और 112 मौतें हुई थीं। मौतों के ये आंकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सरकार द्वारा यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने का ये निर्णय काफी लाभदायक है।

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