'पूजा पद्धति बदली है, पूर्वज नहीं बदले, भगवान भोलेनाथ हमारे भी पुरखे' - कुंवर मोहम्मद आजम खान

पूजा पद्धति बदली है, पूर्वज नहीं बदले, भगवान भोलेनाथ हमारे भी पुरखे - कुंवर मोहम्मद आजम खान
कुंवर मोहम्मद आजम खान पवित्र श्रावण मास में महादेव का जलाभिषेक करने पहुंचे, भारतीय मुस्लिम महासभा एवं मुस्लिम कारसेवक मंच के मुखिया ने घर में बनवा रखा है राम मंदिर।

लखनऊ। पवित्र श्रावण मास में कांवड़ यात्रा के दौरान खान-पान की शुद्धता और होटल-ढाबा पर नेमप्लेट विवाद के बीच सोमवार को राजधानी लखनऊ में एक सुखद तस्वीर देखने को मिली। जब भारतीय मुस्लिम महासभा एवं मुस्लिम कारसेवक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर मोहम्मद आजम खान भोलेनाथ के मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ भोलेनाथ का पूजन किया बल्कि मंदिर और उसके आस-पास स्वयं झाड़ू लगाकर परिसर को साफ़-सुथरा बनाने में भी सहयोग किया। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब वह किसी मंदिर में देखे गए हों, पर नेमप्लेट विवाद के बीच उन्होंने दूसरे पक्ष के सामने एक नजीर पेश की है। 'स्वदेश' से बताया कि हमने पूजा पद्धति बदली है, पूर्वज नहीं बदले, भगवान भोलेनाथ हमारे प्रथम आराध्य हैं।


पवित्र श्रावण मास में एक ओर जहां लोग भगवान्भो लेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त कांवड़ यात्रा लेकर शिवालयों पर जलाभिषेक करने निकल पड़े हैं तो वहीं भारतीय मुस्लिम महासभा एवं मुस्लिम कारसेवक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर मोहम्मद आजम खान ने विकासनगर स्थित शिवालय पर पूजन-अर्जन किया। शिव मंदिर पहुंचे कुंवर मोहम्मद आजम खान ने सर्वप्रथम मंदिर में झाड़ू लगाकर सफाई की। उसके बाद उन्होंने विधि-विधानपूर्वक भोलेनाथ का जलाभिषेक किया।

उन्होंने बताया कि उनका शुरू से ही प्रयास रहा है कि देश में राष्ट्रीय एकता, सद्भावना, प्रेम और भाईचारा बना रहे। यह भाईचारा बनाए रखना सिर्फ हिन्दुओं की जिम्मेदारी नहीं है, दूसरे पक्ष को भी सकारात्मक रुख दिखाना पड़ेगा। इस अवसर पर उन्होंने 'स्वदेश' से बताया कि हमने पूजा पद्धति बदली है, पूर्वज नहीं बदले। प्रभु भोलेनाथ ही हमारे भी पूर्वज हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि जिस प्रकार मक्का में सभी काले पत्थर की पूजा कर आशीर्वाद लेते हैं। उसी प्रकार वह भगवान भोलेनाथ की पूजा कर आशीर्वाद लेते हैं। उन्होंने कहा कि आस्था को प्रकट करने के लिए किसी स्थान विशेष की जरूरत नहीं है। उन्हें शिव मंदिर में भी वही काला पत्थर ही दिखता है जो मक्का में दिखता है।

कुंवर मोहम्मद आजम खान ने 'स्वदेश' को बताया कि हमारे पूर्वजों ने पूजा पद्धति भले ही बदल ली हो, पर हमारी राष्ट्रीयता, हमारे पुरखे और इस देश की मिट्टी के प्रति हमारे प्रेम में रंच मात्र भी कमी नहीं आई है। यह पूछे जाने पर कि मुस्लिम समाज के लोग उनके बारे में क्या राय रखते हैं? उन्होंने बताया कि मेरे बारे में जिसको जो रे रखनी हो रखे इससे क्या फर्क पड़ता है। फिलहाल, किसी के कुछ कहने और राय बनाने से मैं अपने तरीके नहीं बदल सकता।


स्वयं के घर में राम मंदिर बनवा चुके हैं मोहम्मद आजम: गौरतलब हो कि भारतीय मुस्लिम महासभा एवं मुस्लिम कारसेवक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर मोहम्मद आजम खान अपनी हिन्दू जीवनशैली को लेकर काफी चर्चित रहते हैं। वह राम मंदिर के लिए हुई कार सेवा में भी शामिल हुए थे। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने से पूर्व ही उन्होंने अपने स्वयं के घर में राम मंदिर बनवाया और बाकायदा शोभायात्रा निकालने के बाद उनको प्राण प्रतिष्ठित किया। वह नवरात्र में कन्या भोज, फलाहार भंडारा, ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले बड़े मंगल को भंडारा लगाकर प्रसाद वितरित करते हैं।

.......BY - अतुल मोहन सिंह

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