मेहुल चौकसी, नीरव मोदी की चर्चा लेकिन भगौड़े जाकिर नाइक के नाम पर विपक्ष की चुप्पी क्यों ?

मेहुल चौकसी, नीरव मोदी की चर्चा लेकिन भगौड़े जाकिर नाइक के नाम पर विपक्ष की चुप्पी क्यों ?
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वेबडेस्क। पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का आरोपी मेहुल चौकसी के डोमिनिका में गिरफ्तार होने के बाद से उसकी देश में चर्चा तेज हो गई है। उस पर 13 हजार करोड़ से अधिक रुपयों के घोटाले का आरोप है। बैंक घोटाले की तरह ऐसे ही मामलों में आरोपी नीरव मोदी और विजय माल्या की भारत वापसी को लेकर विपक्ष और वामपंथी विचारधारा वाली मीडिया लगातार सवाल करती रहती है। लेकिन देश में वैचारिक आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोपी जाकिर नायक के प्रत्यर्पण की बात उठते ही ये सभी मौन मुद्रा में चले जाते है।

जाकिर नाइक पर भारत में धार्मिक भावनाओं को आहत करने एवं गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड विधान की धारा 20 (b), 153 (a), 295 (a), 298 and 505 (2) के तहत मामले दर्ज है। बांग्लादेश आतंकी हमलों में उसका नाम सामने आने के बाद जब कार्यवाही की गई तो वह 1 जुलाई, 2016 को भारत से भाग गया। इसके बाद केंद्र सरकार ने जाकिर के एनजीओ को बैन कर दिया। वह बीते पांच साल से मलेशिया में रह रहा है। वहां की सरकार ने जाकिर को भारत को सौंपने से इंकार कर दिया।

ये है नाइक -

डॉ जाकिर नाइक कभी मुंबई के अपनी इस्लामिक कट्टरवादी सोच के लिए जाना जाता है। कभी दक्षिण मुंबई के भिंडी बाजार की गलियों में एक छोटे से कबाड़खाने जैसे घर में रहता था। इस्लाम के प्रचारक और धर्मोपदेशक के रूप में पहचान बना उसने करोड़ो रुपयों की दौलत कमा ली। वह अपने भाषणों में हिन्दू धर्म पर विशेष रूप से निशाना साधता है। हिन्दू देवी - देवताओं का गलत प्रचार और गीता के श्लोकों की गलत व्याख्या कर युवाओं के मन में धार्मिक कट्टरता को भरने का काम करता है।

18 अक्तूबर 1965 में जन्मा जाकिर को बचपन में ही कुरान की आयतें कंठस्थ हो गई थीं। उसके बाद उसने मेडिकल की पढ़ाई की। अपने पिता अब्दुल करीम नाईक की मदद से डोंगरी में एक इस्लामिक स्कूल की नींव रखी। डॉ. जाकिर के पिता का महाराष्ट्र के बड़े नेता शरद पवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अब्दुल रहमान अंतुले से जान पहचान थी।

इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना -

इसके बल पर जाकिर का इस्लामिक स्कूल चल निकला। उसके बाद उसने कई मदरसे खोले। साल 1991 में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना कर वह मदरसों में मुस्लिम युवाओं को कट्टरता की ट्रेनिंग देने लगा। उसके बाद जाकिर कुछ ही दिनों में खुद को इस्लाम का स्कॉलर कहलवाने लगा।भारत में इस्लाम के प्रचार के लिए विदेशों से पैसा मिलने लगा। जिससे वह देश में धार्मिक असहिष्णुता और इस्लामिक कट्टरता के प्रचार के लिए उपोग कर रहा था।

आतंक से कनेक्शन -

साल 2016 में बांग्लादेश आतंकी हमलों में शामिल आतंकियों ने बताया था की वे डॉ जाकिर नाइक का अनुसरण करते थे। इसके अलावा इस्लामिक स्टेटस में शामिल भारतीय मुस्लिम युवाओं ने भी जाकिर से प्रेरित होकर जिहाद के नाम पर आतंक के मार्ग पर चलने की बात कबुली थी।

वापसी की उम्मीद -

देश में धार्मिक कट्टरता के नाम पर युवा पीढ़ी को आतंक के मार्ग पर धकेलने वाले ऐसे व्यक्ति के प्रत्यर्पण की भारत में मांग न उठना। हिन्दू संतों और मंदिरों की आय पर नजर रखने वाले विपक्षी नेताओं का जाकिर के नाम पर मौन उनकी पक्षपातपूर्ण सोच की ओर इशारा करती है। हालांकि ये ख़ुशी की बात है की भारत के वांछित भगोड़े अपराधियों की सूची में शामिल नामों में से एक मेहुल चौकसी की भारत वापसी का मार्ग खुलता नजर आ रहा है। उम्मीद है की विपक्ष कांग्रेस इत्यादि जिस प्रकार लगातार नीरव मोदी, मेहुल, माल्या की भारत वापसी की मांग उठाते रहे है। उसी तरह जाकिर की वापसी की मांग उठाएंगे ?

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