महाराष्ट्र में कल से दौड़ने लगेगी मेट्रो, पर स्कूल और मंदिर नहीं खुलेंगे, जानें नई गाइडलाइंस
मुंबई। महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने अनलॉक-5 में बुधवार को बिगन अगेन (Begin Again) दिशानिर्देशों के तहत सावधानी के साथ मेट्रो रेल को 15 अक्टूबर (कल) से शुरू करने की अनुमति दे दी है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना लॉकडाउन के दौरान बंद किए धार्मिक स्थलों को दोबारा खोलने की मांग को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है और अनलॉक-5 में उन्हें खोलने पर कोई फैसला नहीं लिया गया हैद्लध
महाराष्ट्र सरकार के बिगन अगेन दिशानिर्देशों के तहत सरकारी और निजी पुस्तकालयों को खोलने की अनुमति भी दी जाएगी, साप्ताहिक बाज़ारों को चलाया जा सकता है और व्यापार प्रदर्शनियों को भी अनुमति दी गई है। वहीं राज्य सरकार के हाल के फैसले पर मंदिरों को खोलने को लेकर कोई आदेश नहीं दिया गया है।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री में पत्रों के माध्यम से वार-पलटवार हुआ। राज्यपाल के पत्र से मामला हिंदुत्व और धर्मनिरपेक्षता तक पहुंच गया है। पत्र की भाषा को लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। उधर, मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने मंदिर खोलने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ कई जगह प्रदर्शन किए हैं। दरअसल, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था।
कोश्यारी ने पत्र में सभी बार, पब, रेस्टोरेंट खोले गए हैं, लेकिन मंदिर बंद है। सभी सावधानियों के साथ धार्मिक स्थलों को खोलने को कहा है। राज्यपाल ने पत्र में लिखा है कि आप हमेशा ही हिंदुत्व की आवाज रहे हैं। आपने मुख्यमंत्री बनने के बाद अयोध्या में राम मंदिर जाकर अपनी श्रद्धा का परिचय दिया था। क्या आप अचानक से खुद भी 'सेक्युलर' हो गए है, वह एक शब्द जिससे आप घृणा करते थे। इस पत्र के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी पलटवार करते हुए मंगलवार को जवाबी पत्र लिखा और राज्यपाल को संविधान की नसीहत दी।
केंद्र सरकार ने जून में दी थी सशर्त अनुमति :
- कोरोना के लक्षण नहीं हो, हाथ-पैर साबुन से धोना, मास्क और थर्मल जांच जरूरी
- सावधानी के साथ सामुदायिक रसोई, लंगर, अन्नदान आदि की छूट
- सामूहिक प्रार्थना और गायन पर रोक, रिकॉर्डेड भजन बजाने की छूट
- कतार में छह फीट की दूरी जरूरी, परिसर में थूकने पर भी पाबंदी
- गर्भवती महिलाओं और 65 साल से अधिक उम्र के लोगों का प्रवेश वर्जित
- हाथों से प्रसाद या जल देने, घंटी बजाने और मूर्ति छूने की मनाही