मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव टला: सियासी घमासान की तैयारी, चुनाव आयोग के फैसले की अहम वजह आई सामने...

सियासी घमासान की तैयारी, चुनाव आयोग के फैसले की अहम वजह आई सामने...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है, लेकिन मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव फिलहाल टाल दिया गया है। जहां नौ अन्य सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं, वहीं चुनाव आयोग के इस फैसले को लेकर सियासी माहौल गर्माने की संभावना है। समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच इस मुद्दे पर जुबानी जंग होने के आसार हैं।

मिल्कीपुर सीट पर चुनाव टलने का कारण वहां लंबित याचिका बताया जा रहा है। गौरतलब है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा के उम्मीदवार बाबा गोरखनाथ हार गए थे। हार के बाद बाबा गोरखनाथ ने अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को अदालत में चुनौती दी थी, और याचिका अभी तक लंबित है। हालांकि, इस बीच अवधेश प्रसाद अयोध्या लोकसभा सीट से सांसद चुने जा चुके हैं।

अवधेश प्रसाद और बाबा गोरखनाथ

इस घटनाक्रम के बाद सपा और भाजपा में सियासी तनातनी बढ़ने की पूरी संभावना है। सपा के लिए यह सीट महत्वपूर्ण है, और पार्टी मिल्कीपुर पर सहानुभूति लहर और दलित वोटों को बरकरार रखने की कोशिश कर रही है। उन्होंने इस सीट से अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की थी।

दूसरी ओर, भाजपा भी इस सीट पर काफी सक्रिय है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मिल्कीपुर विधानसभा का कई बार दौरा कर चुके हैं और रोजगार मेले समेत हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्यों की घोषणा भी की है। हालांकि, दलित और मुस्लिम वोटरों की बहुलता के कारण भाजपा के लिए यह सीट जीतना आसान नहीं माना जा रहा।

अब जब चुनाव आयोग ने इस सीट पर उपचुनाव को टाल दिया है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि सपा और भाजपा के बीच इस मुद्दे पर सियासी आरोप-प्रत्यारोप किस दिशा में जाते हैं।

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