CCPA Guidelines: "अब नहीं चलेगा भ्रामक विज्ञापन: कोचिंग संस्थानों पर सरकार की सख़्त नज़र!"
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CCPA Guidelines: मनमाने ढंग से पोस्टर पर झूठे वादे करने वालों के लिए नई गाइडलाइन जारी हुई है l अब कोचिंग संस्थान छात्रों की सहमति के बिना उनके नाम, तस्वीरें, या प्रशंसा पत्र (टेस्टिमोनियल) का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। केंद्र सरकार ने 13 नवंबर, 2024 को इस विषय में नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसके तहत "100% सिलेक्शन" या "100% जॉब सिक्योरिटी" जैसे झूठे दावे करने वाले कोचिंग संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
CCPA गाइडलाइन में क्या कहा गया
गाइडलाइंस के अनुसार, "कोचिंग" की परिभाषा को एकेडमिक सपोर्ट, शिक्षा, मार्गदर्शन, अध्ययन कार्यक्रम, और ट्यूशन तक सीमित रखा गया है। इसमें काउंसलिंग, स्पोर्ट्स या रचनात्मक गतिविधियों को शामिल नहीं किया गया है। नए नियमों के अनुसार, कोचिंग संस्थानों को कोर्स की अवधि, फैकल्टी की योग्यता, फीस स्ट्रक्चर, रिफंड पॉलिसी, सिलेक्शन रेट, परीक्षा रैंकिंग और नौकरी की गारंटी जैसे मामलों में पारदर्शिता बनाए रखनी होगी। विज्ञापनों में डिस्क्लेमर भी अनिवार्य किया गया है। कोचिंग सेक्टर में लगातार बढ़ रही शिकायतों के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने ये गाइडलाइंस तैयार की हैं ताकि उपभोक्ता हितों की रक्षा की जा सके। अब तक CCPA ने इस मामले में 54 नोटिस जारी किए हैं और लगभग ₹54.60 लाख का जुर्माना लगाया है। कंज्यूमर अफेयर्स सचिव निधि खरे ने बताया कि कई कोचिंग संस्थान छात्रों से महत्वपूर्ण जानकारी छुपाते हैं। इसीलिए पारदर्शिता लाने के लिए ये दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं।