मोढेरा बना देश का पहला सौर ऊर्जा से संचालित गांव, प्रधानमंत्री मोदी ने किया घोषित
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मेहसाणा के मोढेरा में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस माैके पर उन्होंने मोढेरा गांव को भारत का पहला चौबीसों घंटे सौर ऊर्जा से संचालित गांव घोषित किया।इस अवसर पर एक जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब तक सरकार बिजली पैदा करती थी और जनता उसे खरीदती थी। केंद्र सरकार का प्रयास है कि अब लोग अपने घरों में सोलर पैनल लगाएं और देश में सोलर पॉवर को बढ़ावा दें। इसमें सरकार उनकी आर्थिक मदद करने जा रही है।
उन्होंने कहा, "अब हम बिजली के लिए भुगतान नहीं करेंगे, बल्कि इसे बेचना शुरू कर देंगे और इससे कमाएंगे। कुछ समय पहले, सरकार नागरिकों को बिजली की आपूर्ति करती थी, लेकिन अब, सौर पैनलों की स्थापना के साथ, नागरिक अपनी बिजली का उत्पादन करेंगे।"
इस अवसर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते कुछ दिनों से सूर्य ग्राम को लेकर मोढेरा पूरे देश में चर्चा के केन्द्र में है। कोई कहता है कभी सोचा नहीं था कि सपना हमारी आंखों के सामने साकार हो सकता है। आज सपना सिद्ध होता देख रहे हैं। जिस मोढेरा को सदियों पहले मिट्टी में मिलाने के लिए आक्रांताओं ने बहुत कुछ और उसपर पर भांति-भांति के अत्याचार हुए। वो मोढेरा अब अपनी पौराणिकता के साथ-साथ आधुनिकता के लिए भी दुनिया में मिसाल बन रहा है। गुजरात का यही सामर्थ्य आज मोढेरा में नजर आ रहा है। यह गुजरात के हर कोने में मौजूद है। उन्होंने कहा कि अबतक मोढेरा सूर्य मंदिर के लिए जाना जाता था। अब इसे सौर ऊर्जा से चलने वाले गांव के नाम से भी जाना जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज मोढेरा, मेहसाणा और पूरे उत्तरी गुजरात में विकास की नई ऊर्जा का संचार हुआ है। बिजली, पानी से लेकर रोड, रेल तक डेयरी से लेकर कौशल विकास और स्वास्थ्य से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट्स का आज लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है।प्रधानमंत्री ने रविवार को जिला मेहसाणा के मोढेरा एक जनसभा की अध्यक्षता की और 3900 करोड़ रुपये से अधिक लागत की परियोजनाओं का लोकार्पण और आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने मोढेरा गांव को भारत का पहला चौबीसों घंटे सौर ऊर्जा से संचालित गांव घोषित किया। सार्वजनिक कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री ने मोधेश्वरी माता मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना भी की।
उल्लेखनीय है कि सौर परियोजना अपनी तरह की पहली है, जो मोढेरा शहर के सूर्य-मंदिर का सौर ऊर्जा से संचालन करने के प्रधानमंत्री के विजन को साकार करती है। इसमें ग्राउंड माउंटेड सौर ऊर्जा संयंत्र तथा आवासीय और सरकारी भवनों पर 1300 से अधिक रूफटॉप सोलर सिस्टम विकसित किए गए हैं। यह सभी बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) के साथ एकीकृत हैं। यह परियोजना इस बात का प्रदर्शन करेगी कि भारत का नवीकरणीय ऊर्जा कौशल किस प्रकार लोगों को जमीनी स्तर पर सशक्त बना सकता है।