कैबिनेट मंत्रियों की कितनी होती है सैलरी, क्या मिलती हैं सुविधाएं? जानिए

कैबिनेट मंत्रियों की कितनी होती है सैलरी, क्या मिलती हैं सुविधाएं? जानिए
संसद के बाहर से किसी व्यक्ति को भी मंत्री बनाया जा सकता है लेकिन फिर उस व्यक्ति को छह महीने के अंदर संसद के किसी सदन का सदस्य बनना होगा।

राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कुल 72 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। जिसमें 30 कैबिनेट मंत्री, पांच राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 36 राज्य मंत्री शामिल थे। शपथग्रहण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पदभार ग्रहण कर लिया है। अब विभागों का बटवारा होने के बाद मंगलवार को सभी मंत्रियों ने अपना - अपना पदभार संभालाना शुरू कर दिया है। लेकिन क्या आपको पता है केंद्रीय मंत्रियों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं और इन्हें वेतन भत्ता कितना मिलता है?

संविधान में केंद्रीय मंत्रिपरिषद का प्रावधान

संविधान के अनुच्छेद 74 और 75 में केंद्रीय मंत्रिपरिषद का प्रावधान किया गया है। अनुच्छेद 74(1) कहता है कि राष्ट्रपति की सहायता और सलाह के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक मंत्रिपरिषद होगा, जो अपने कार्यों के निष्पादन में राष्ट्रपति की सलाह के अनुसार कार्य करेगा। प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह से करेगा। मंत्रिपरिषद संसद के दोनों सदनों से ली जाती है। संसद के बाहर से किसी व्यक्ति को भी मंत्री बनाया जा सकता है लेकिन फिर उस व्यक्ति को छह महीने के अंदर संसद के किसी सदन का सदस्य बनना होगा।

कितनी होती है मंत्रियों की सैलरी

केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सैलरी और भत्ते मंत्री वेतन एवं भत्ते अधिनियम, 1952 के अनुसार दिए जाते हैं। वैसे तो एक मंत्री को वही वेतन और भत्ते मिलते हैं जो एक सांसद को मिलते हैं। लोकसभा के सदस्य को हर महीने 1 लाख रूपए वेतन दिया जाता है। इसके अलावा मंत्री को 70 हजार रूपए निर्वाचन भत्ता और 60 हजार रूपए ऑफिस खर्च के रूप में मिलते हैं। इतना ही नहीं जब सत्र चलता है उस समय प्रतिदिन 2 हजार रूपए अलग से दिए जाते हैं।

केंद्रीय मंत्रियों को क्या मिलती हैं सुविधाएं?

केंद्रीय मंत्रियों को मुफ्त रिहायाशी निवास भी मुहैया कराया जाता है। जो कि मंत्री बने रहने तक ही रहता है। मंत्रिपरिषद में शामिल सभी मंत्रियों को अलग-अलग दरों पर हर महीने व्यय भत्ता दिया जाता है। प्रधानमंत्री को तीन हजार रुपये, प्रत्येक अन्य मंत्री को दो हजार रुपये, राज्य मंत्री को एक हजार रुपये और उप मंत्री को 600 रुपये मासिक व्यय भत्ता दिया जाता है। कार खरीदने के लिए मंत्रियों को अग्रिम राशि भी जाती है।

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