साल 2020 में लॉकडाउन सहित मोदी सरकार ने लिए ये बड़े फैसलें
नईदिल्ली। साल 2020 की शुरुआत के साथ कोरोना महामारी की दस्तक से केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री का अधिकांश समय देश को लॉक और अनलॉक करने में चला गया। इसी बीच सरकार ने महामारी की रोकथाम सहित अन्य मामलों से जुड़े कई बड़े निर्णय लिए। जिसमें 4 बार लॉकडाउन, राममंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन, आत्म निर्भर भारत योजना, कृषि कानूनों का निर्माण, नई शिक्षा नीति आदि बड़े फैसले लिए। जो वर्ष भर चर्चा का विषय बने रहें।
मंडी के बाहर फसल बेचने की मिली आजादी -
कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) क़ानून के तहत किसानों को सरकारी मंडी के बाहर बेचने की आजादी मिली। इसमें किसानों की फ़सल को एक राज्य से दूसरे राज्य में बेचने को बढ़ावा दिया गया। किसानों को लाभ दिलाने के लिए बिल में मार्केटिंग और ट्रांस्पोर्टेशन पर ख़र्च कम करने की बात कही गई।
कांट्रेक्ट फार्मिंग की राह खुली -
कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) क़ीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर क़रार क़ानून के तहत कांट्रेक्ट फार्मिंग का रास्ता खुला। इसके तहत किसान फार्मा, निर्यातक और बड़े व्यापारियों से एक निश्चित कीमत पर अनुबंध कर खेती कर सकेंगे। इस कानून के बाद मध्यस्थों की भूमिका समाप्त हुई।
कृषि उत्पाद आवश्यक वस्तु से बाहर -
आवश्यक वस्तु (संशोधन) क़ानून के तहत अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज़ और आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाया गया। भण्डारण की सीमा को हटाया गया। असाधारण परिस्थिति को छोड़कर कितना भी भण्डारण किया जा सकेगा।
जनता कर्फ्यू -
कोरोना महामारी की चेन ब्रेक के लिए प्रधानमंत्री ने एक दिन के जनता कर्फ्यू का आह्वान किया। 22 मार्च को देश भर की जनता ने पीएम के आह्वान को मानकर इसे सफल बनाया। ताली और थाली बजाकर देशवासियों ने कोरोना वारियर्स का हौंसला बढ़ाया।
लॉकडाउन -
महामारी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री ने चार बार अलग-अलग अवधि का लॉकडाउन घोषित किया। जिसमें पहला लॉकडाउन 23 मार्च से 14 अप्रैल, दूसरा 15 अप्रैल से 3 मई, तीसरा 4 मई से 17 मई, चौथा 18 मई से 31 मई तक लागू किया।
राम मंदिर निर्माण -
राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के 88 दिन बाद सरकार ने 5 फरवरी को राम मंदिर ट्रस्ट का गठन किया। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में राम जन्मभूमि मामले में मुख्य वकील रहे परासरण सहित 15 सदस्यों को ट्रस्टी बनाया गया। 5 अगस्त को कोरोना संकट के बीच राममंदिर की नींव रख राममंदिर निर्माण के स्वप्न को आधार दिया।
डॉक्टर्स पर हमला बना अपराध -
कोरोना वारियर्स के रूप में जान जोखिम में डालकर मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टर्स की सुरक्षा में मह्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया। एपिडेमिक डिसीज एक्ट के तहत डॉक्टर एवं अन्य चिकित्सा कर्मियों पर हमले की सजा का प्रावधान किया गया। गंभीर मामलों में 7 साल और अन्य मामलो में 5 साल और जुर्माने की सजा का प्रावधान।
आत्मनिर्भर भारत अभियान-
कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को वापिस पटरी पर लाने के लिए आत्मनिर्भर भारत की शुरुआत की। जिसके तहत छोटे कारोबारी और किसानों को 29 लाख करोड़ के राहत पॅकेज दिए। इस बड़े राहत पैकेज द्वारा देश में लोगों को कामकाज करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई। इसका उद्देश्य आगामी वर्षों में भारत अपनी जरूरत के सामान के निर्माण के लिए आत्म निर्भर हो जाए और निर्यात में कमी आये।
सांसदों के वेतन में कटौती -
देश में पहली बार सांसद और मंत्रियों के वेतन और पेंशन में कटौती की गई। इसके लिए सैलरी एन्ड अलाउंन्स ऑफ़ मिनिस्टर एवं सैलरी, अलाउंस एन्ड मेंबर ऑफ़ पार्लियामेंट एक्ट में संसोधन कर सांसदों और मंत्रियो के वेतन एवं पेंशन में 30 प्रतिशत की कटौती की गई।
34 साल बाद देश को मिली नई शिक्षा नीति -
प्रधानमंत्री ने 29 जुलाई 2020 को संसद में 34 साल बाद नई शिक्षा नीति की घोषणा की। 10+2 के स्थान पर 5+3+3+4 फार्मूला हुआ लागू। रोजगार प्रेरक इस नई शिक्षा नीति के तहत छात्र कक्षा 6 से ही कोडिंग एवं वोकेशनल कोर्स पढ़ सकेंगे। थ्योरी के साथ प्रायोगिक पद्धति का प्रयोग बढ़ा। विज्ञान और आर्ट्स को साथ पढ़ने की छूट मिली। विदेशी विश्विद्यालयों को भारत आने का रास्ता खोला।
जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक को मिली मंजूरी-
मानसून सत्र के अंतिम दिन इस विधेयक को संसद में मंजूरी मिली। जिसके बाद हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, कश्मीरी और डोगरी को केंद्र शासित प्रदेश की आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला। इससे पहले तक उर्दू और अंग्रेजी ही आधिकारिक भाषा थी। अब हिंदी और क्षेत्र में सर्वाधिक बोली जाने वाली कश्मीरी और डोगरी भी आधिकारिक भाषा बन गई।