राज्यसभा में बहस के दौरान खड़गे ने कह दी ऐसी बात, प्रधानमंत्री नहीं रोक पाए हंसी, शायराना हुए सभापति
नईदिल्ली। बजट सत्र के आठवें दिन आज भी संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने अडाणी के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस और भाजपा सांसदों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उद्योगपति गौतम अदाणी का नाम लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की। इस दौरान सभापति जगदीप धनखड़ बार-बार उनको टोक रहे थे लेकिन वो केंद्र सरकार पर आरोप लगाते रहे। खड़गे की स्पीच के दौरान एक पल ऐसा आया जब प्रधानमंत्री मोदी, धनकड़, खरगे सहित पूरा सदन ठहाकों से गूंज गया।
दरअसल, खड़गे ने कहा - "प्रधानमंत्री हमेशा चुनावी मोड में होते हैं। इधर संसद चल रही है और उधर वह मेरे संसदीय क्षेत्र कलबुर्गा में चले गए'। खरगे ने कहा कि 'अरे भई मेरा एक ही संसदीय क्षेत्र है और आपको वही मिल रहा है। और संसदीय क्षेत्र में एक भी नहीं दो-दो मीटिंग कर रहे हैं।" खड़गे के इतना कहते ही पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा। प्रधानमंत्री मोदी भी हंसी नहीं रूक पाएं। वह भी जोर से हंस पड़े।
शायराना हुए खड़गे- धनखड़
इसी बीच अडाणी मुद्दे पर बोलते हुए खड़गे शायराना अंदाज में भी नजर आएं, उन्होंने कहा कि "नजर नहीं है नजारों की बात करते हैं, जमीं पर चांद सितारों की बात करतें हैं, वो हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले, भरी सभा में सुधारों की बात करते हैं! बड़ा हसीन हैं उनकी जबान का जादू, लगा के आग बहारों की बात करते हैं, मिली कमान तो अटकी नजर खजानों पर, नदी सुखाकर किनारों की बात करते हैं! गरीब बनाते हैं आम लोगों को, वही नसीब के मारों की बात करते हैं।"
खड़गे को शायरी करते देख सभापति धनखड़ भी खुद को रोक नहीं पाएं। उन्होंने कहा कि खड़गे जी की बात सुनकर मेरे अंदर भी शायर जाग गया है। इसी बात के साथ शायराना अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि 'उम्र भर गालिब यही भूल करता रहा, धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करता रहा'। स्पीकर ने इशारों में कहा कि बिना सबूतों के आरोप लगाना सही नहीं है।
जेपीसी बैठाओगे -
इसके कुछ देर बाद खड़गे अडाणी मामले की जेपीसी जांच की मांग करने लगे। उन्होंने कहा "किस तरह से एक आदमी 12 लाख करोड़ पर कब्जा करके बैठा है। जेपीसी बनाइए और अगर ये घोटाला करने वाले हरिश्चंद्र निकले, पाक-साफ निकले तो हम इन्हें माला पहनाएंगे। उन्होंने कहा कि । सभापतिजी बहुत अच्छे एडवोकेट हैं। आपकी कुछ बातें बताऊं। आपने मुझसे कहा था कि शुरू-शुरू में मैं हाथ से पैसे गिनता था। फिर मशीन से पैसे गिनने शुरू कर दिए। इस पर सभापति बोले "वकील वाली बात ऑथेंटिकेट करने की जरूरत नहीं। हाथ जोड़ता हूं। मैंने मशीन से पैसे गिनने की बात नहीं की थी। लगता है कि आप मुझ पर भी जेपीसी बैठाएंगे। "