बिहार सरकार का सभी जिलों को निर्देश, मठों और मंदिरों को दिखाना होगा संपत्ति का ब्योरा
Bihar Government: देश में वफ्फ बोर्ड को लेकर चल रही हलचल के बीच बिहार सरकार ने अपने राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं सभी अनरजिस्टर्ड मंदिरों, मठों और ट्रस्ट का प्राथमिकता के आधार पर रजिस्टर्ड कराना सुनिश्चित करें। इसके अलावा मंदिरों और मठों की संपत्तियों का ब्योरा भी दिखाना वेबसाइट पर जरूरी है।
विधि विभाग के अधीन आता है BSBRT
आपको बताते चलें कि, बिहार में राज्य सरकार की विधि विभाग के अधीन बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (BSBRT) आता है। इसे लेकर पिछले महीने ही सभी जिलों के नियम को आदेश जारी किए जा चुके हैं कि जिले में जितने भी मंदिर रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं उन्हें रजिस्टर्ड करें और वेबसाइट पर इसकी संपत्ति का पूरा ब्योरा दर्ज करें।विभागीय मंत्री के मुताबिक राज्य सरकार का ये फैसला पुराना है, लेकिन वे इसे सख्ती के साथ अमल में लाना चाहते हैं।
जानें बिहार में कितने रजिस्टर्ड और अन रजिस्टर्ड है मंदिर
आपको बताते चलें कि बिहार में मंदिरों की स्थिति के अनुसार, अबतक केवल 18 जिलों ने ही बीएसबीआरटी को रजिस्ट्रेशन और संपत्ति का विवरण वाला डाटा उपलब्ध कराया है तो वहीं पर राज्य के 35 जिलों से जो आंकड़े मिले हैं इसके मुताबिक बिहार में तकरीबन ढाई हजार अनरजिस्टर्ड मंदिर और मठ हैं और उनके पास चार हजार एकड़ से ज्यादा भूमि है। नियमों में 1950 के मुताबिक बिहार में सभी सार्वजनिक मंदिरों, मठों, ट्रस्ट और धर्मशालाओं को बीएसबीआरटी के तहत रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है और जानकारी देना भी।
मंदिरों और मठों के यह आंकड़ें भी जाने
आपको बताते चलें कि, बिहार के विधि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में रजिस्टर्ड मंदिरों की कुल संख्या तकरीबन 2499 है और उनके पास 18 हजार 456 एकड़ से ज्यादा भूमि हैं. आंकड़ों बताते हैं सबसे ज्यादा अनरजिस्टर्ड मंदिर और मठ वैशाली में हैं. आंकड़ों के मुताबिक वैशाली में 438, कैमूर में 307, पश्चिमी चंपारण में 273, भागलपुर में 191, बेगूसराय में 185, सारण में 154, गया में 152 अनरजिस्टर्ड मंदिर और मठ हैं।