भारतीयों’ को आर्थिक प्रगति के अवसर दे गयी ‘नरेंद्र मोदी’ की ‘अमेरिका यात्रा’

भारतीयों’ को आर्थिक प्रगति के अवसर दे गयी ‘नरेंद्र मोदी’ की ‘अमेरिका यात्रा’
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  • प्रधानमंत्री के साथ अमेरिका मेें आम भारतीयों के लिए पहली बार खुले व्हाइट हाउस के दरवाजे
  • मधुकर चतुर्वेदी

नई दिल्ली। स्वतंत्र भारत के इतिहास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले केवल दो नेता ऐसे रहे, जो अमेरिका के राजकीय दौरे पर गए। पहले 1963 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह। लेकिन अमेरिका ने जितनी अहमियत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा को दी है, इससे पहले किसी भारतीय को नहीं दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह ऐतिहासिक अमेरिका यात्रा आने वाले कई दशकों में उपलब्धियों की दृष्टि से तो याद रखी ही जाएगी, बल्कि वैश्विक परिदृश्य में भारत के बढ़ते कद और छवि को भी रेखांकित करेगी।

अमेरिका ने भारत को इतनी अहमियत दी, यह अकारण नहीं है। पहली बात तो यह कि यह पहला मौका है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाकायदा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के आमंत्रण पर अमेरिका गए और उनकी इस यात्रा को राजकीय दर्जा मिला। दूसरा भारत और अमेरिका के रिश्तों ने नई ऊंचाइयां को छूने के अलावा अंतरराष्ट्रीय हालातों में ना केवल द्विपक्षीय मामलों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है बल्कि, पूरी दुनिया को सकारात्मक संदेश भी दिया है। नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा ने यह भी कीर्तिमान रचा कि पहली बार व्हाइट हाउस आम भारतीयों के लिए खुला है। वहीं अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन की यह घोषणा भी महत्वपूर्ण है, जिसमें उन्होंने कहा कि अमेरिका-भारत का संबंध 21वीं सदी के सबसे निर्णायक रिश्तों में से एक है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से हिंद-प्रशांत क्षेत्र से लेकर पूर्व और दक्षिण चीन सागर तक चीन के बढ़ते बलात प्रभाव का मजबूती के साथ मुकाबला करने के लिए दोनों देश साथ आए हैं। अमेरिका में बढ़ते भारत के प्रभाव के पीछे भारत की अपनी स्वयं की ताकत और बढ़ती अर्थव्यवस्था तो है ही, साथ ही इसका श्रेय उन भारतवंशियों को भी जाता है, जो अमेरिका में रहते हुए, न केवल खुद उन्नति कर रहे हैं, बल्कि अमेरिका को भी विकसित कर रहे हैं। कमला हैरिस, सत्या नडेला, सुंदर पिचाई आदि अनेकों उदाहरण आज हमारे सामने हैं।

वाशिंगटन में अपने तीन दिन के प्रवास के दौरान मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से हर रोज विभिन्न मुद्दों पर गहन बातचीत की। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए। जनरल इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस और एचएएल संयुक्त रूप से एफ-414 जेट इंजन बनाएंगी। इससे हमारी सैन्य क्षमता बढ़ेगी। भारत अकेला ऐसा देश है, जिसे अमेरिका के साथ सैन्य संधि न होने के बावजूद यह तकनीक मिल रही है। ऐसे ही कंम्यूटर चिप बनाने वाली कंपनी माइक्रोन गुजराज में सेमीकंडक्टर संयत्र लगाएगी, तो नासा और इसरो अगले साल एक संयुक्त मिशन का संचालन करेंगे। वीजा प्राप्त नियमों के सरलीकरण से लेकर ऐसे अनेंको समझौते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा की उपलब्धियां हैं। साथ ही अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के साथ ही युवा उद्यमियों से मुलाकात भी दोनों देशों के भविष्य को संवारेंगे। अमेरिकी कांग्रेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर 15 बार खड़े होकर तालियां बजाई गईं और सामान्य रूप से 100 से अधिक बार तालियां बजाई गईं, यह भी भारत की बढ़ती ताकत का एहसास कराने के लिए पर्याप्त है। उम्मीद है कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात में प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा न सिर्फ द्विपक्षीय मामलों में सहयोग बढ़ाएगा, बल्कि पूरी दुनिया को सकारात्मक संदेश देने वाला साबित होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा की उपलब्धियां

  • -मून से मंगल तक जुड़ेगा भारत
  • -अमेरिका के दो शहरों में वाणिज्यिक दूतावास खुलेंगे
  • -अमेरिका 100 से ज्यादा कलाकृतियां लौटाएगा
  • -अहमदाबाद और बेंगलुरू में काॅन्सुलेट खोलेगा अमेरिका
  • -नासा भारतीय एस्ट्रोनाॅट को एडवांस ट्रेनिंग देगी
  • -गूगल भारत में ग्लोबल सेंटर खोलेगा
  • -जीई का भारत में लड़ाकू विमान का इंजन बनाया जाएगा
  • -बोइंग भारत में बड़ा निवेश करेगा

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