Gwalior: ग्वालियर में मुहर्रम का त्योहार मनाना पड़ा भारी, फूड पॉइजनिंग का 25 लोग हुए शिकार
Gwalior: ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में मुस्लिम समुदाय के 25 लोगों को मुहर्रम का त्योहार मनाना भारी पड़ गया। जब बिरयानी खाने के बाद बच्चों और महिलाओं समेत दो दर्जन से ज़्यादा लोग फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए। घटना ग्वालियर के लाल पहाड़िया इलाके की बताई जा रही है। जानकारी ये सामने आ रही है कि मुहर्रम जुलूस में शामिल ताजियादारों के लिए बिरयानी बनाई जा रही थी।
घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम दिव्यांशु चौधरी आधी रात के करीब अस्पताल पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ इलाज की निगरानी की बल्कि ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों की मदद के लिए अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ को भी बुलाया, ताकि बच्चों को तुरंत इलाज मिल सके। इमरती देवी ने अस्पताल का दौरा किया पूर्व मंत्री इमरती देवी सुमन ने भी देर रात बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए अस्पताल का दौरा किया।
जानकारी के अनुसार, सभी प्रभावित लोगों को तुरंत डबरा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डबरा के एसडीएम दिव्यांशु चौधरी अस्पताल पहुंचे और बच्चों को समय पर इलाज मिले और उन्होंने कहा बुधवार को मनाए गए मुहर्रम के त्यौहार पर कई ताजियादारों ने जुलूस निकाला और प्रतिभागियों को जलपान कराया गया था। लाल पहाड़िया में चिन्नोर रोड पर रहने वाले एक परिवार ने बिरयानी बनाई थी। वहां देर रात बिरयानी खाने के बाद इलाके के कई बच्चों में उल्टी-दस्त समेत फूड पॉइजनिंग के गंभीर लक्षण दिखने लगे। दहशत फैलते ही लोगों को लगा कि मामला फूड पॉइजनिंग का है और वे करीब दो दर्जन बच्चों को डबरा सिविल अस्पताल ले गए।
उन्होंने मेडिकल स्टाफ को निर्देश दिया कि वे बच्चों को हरसंभव बेहतर इलाज मुहैया कराएं और प्रभावित लोगों पर विशेष ध्यान दें। स्थानीय निवासी रामहेत और समाजसेवी परवेंद्र घोरपड़े ने बताया कि बिरयानी खाने के बाद बच्चे अचानक बीमार पड़ गए, जिससे पता चला कि इसका कारण फूड पॉइजनिंग है। समुदाय और मेडिकल स्टाफ के समय पर हस्तक्षेप से स्थिति को प्रभावी ढंग से संभालने में मदद मिली।