NEET Paper Leak Case : NTA ने कोर्ट में दायर किया हलफनामा, सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई

NEET Paper Leak Case : NTA ने कोर्ट में दायर किया हलफनामा, सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई

NEET Paper Leak Case

NEET Paper Leak Case : NTA ने IIT-M निदेशक की ओर से हितों के टकराव के याचिकाकर्ताओं के आरोपों का खंडन किया है।

NEET Paper Leak Case : नई दिल्ली। एनटीए ने नीट-यूजी पेपर लीक मामले में सुप्रीमकोर्ट में एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया है। इस हलफनामे में एनटीए ने आईआईटी-एम (IIT-M) निदेशक की ओर से हितों के टकराव के याचिकाकर्ताओं के आरोपों का खंडन किया, जिन्होंने डेटा एनालिटिक्स रिपोर्ट तैयार की थी। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अहम सुनवाई करने जा रहा है।

हलफनामे के अनुसार, एनटीए का कहना है कि किसी विशेष वर्ष में जेईई (एडवांस्ड) आयोजित करने वाले आईआईटी के निदेशक एनटीए गवर्निंग बॉडी के पदेन सदस्य हैं। आईआईटी-एम 2024 के लिए जेईई (ए) आयोजित करता है।

हालांकि, एनटीए के मुख्य कार्य एनटीए की प्रबंध समिति द्वारा किए जाते हैं। गवर्निंग बॉडी की भूमिका केवल नीतिगत मामलों में होती है।

NTA के हलफनामे में आगे कहा गया है कि, 'किसी भी मामले में, उक्त आईआईटी-निदेशक ने गवर्निंग बॉडी की बैठकों में भाग लेने के लिए एक अन्य प्रोफेसर को नामित किया था और नामित व्यक्ति ने दिसंबर 2023 में अंतिम बैठक में भाग लिया था। रिपोर्ट बनाने वाले आईआईटी निदेशक ने दिसंबर 2022 के बाद किसी भी एनटीए जनरल बॉडी मीटिंग में भाग नहीं लिया है।'

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में दोबारा परीक्षा कराए जाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं ने 18 जुलाई को हुई सुनवाई में हितों के टकराव का मुद्दा उठाया था। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि, आईआईटी एम के डायरेक्टर, NTA की गवर्निंग बॉडी के सदस्य थे। इन आरोपों का जवाब देते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि, आईआईटी एम के डायरेक्टर की भूमिका केवल जेईई एडवांस परीक्षा के आयोजन तक थी। उन्होंने गवर्निंग बॉडी की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए किसी अन्य प्रोफ़ेसर को नियुक्त किया था।

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