NEET पेपर लीक से देश भर में नकल माफिया गैंग का पर्दाफाश, जानिए अब तक क्या - क्या हुए खुलासे

नकल माफिया गैंग
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NEET पेपर लीक से देश भर में नकल माफिया गैंग का पर्दाफाश

NEET Paper Leak : एक - दो या तीन नहीं बल्कि पांच राज्यों से पेपर लीक करने वाले माफिया पकड़ाए हैं।

NEET Paper Leak : दिल्ली। देश भर में इस समय नीट के लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य खतरे में है। पहले ग्रेस मार्क्स के कारण परीक्षा सवालों के घेरे में थी अब पेपर लीक खुलासे के बाद कई सवाल उठाए जा रहे हैं। एक - दो या तीन नहीं बल्कि पांच राज्यों से पेपर लीक करने वाले माफिया पकड़ाए हैं। इस मामले में केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं सात सदस्यीय आयोग का गठन भी कर दिया है जो सोमवार को पहली बैठक करेगा। बड़ा सवाल NTA की विश्वसनीयता पर उठाए जा रहे हैं कि, आखिर कैसे नीट जैसी इतनी महत्वपूर्ण परीक्षा के पेपर लीक हो गए। आइए जानते हैं अब तक कितनों की गिरफ्तारी हुई और क्या कुछ बड़े खुलासे हुए...।

इन राज्यों में एक्टिव नकल माफिया :

सबसे पहले पेपर लीक का खुलासा बिहार में हुआ था। यहां आर्थिक अपराध शाखा (EOU) मामले की जांच कर रही है। बिहार के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश और झारखण्ड से भी नकल माफिया पकड़ाए हैं। बिहार में जो लोग पकड़ाए हैं उनकी पहुंच कई राजनीतिक लोगों तक भी है। फिलहाल यहां जांच जारी है।

बिहार में क्या हुआ :

पटना पुलिस को पेपर में गड़बड़ी की जानकारी मिली थी। इसके बाद परीक्षा केंद्र के पास सिकंदर यादवेन्दु, अखिलेश और बिट्टू नाम के तीन आरोपी पकड़ाए थे। इनके पास अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड मिले थे। सिकंदर यादवेन्दु ने पूछताछ में नीतीश कुमार और अमित आनंद का नाम लिया। जिन चार उम्मीदवारों के एडमिट कार्ड मिले थे उन्हें परीक्षा केंद्र से गिरफ्तार कर लिया गया था। इन सभी ने कबूलनामे में पेपर लीक की बात को स्वीकार किया था। पेपर से एक रात पहले चार उम्मीदवारों को पेपर रटाया गया था। सभी ने स्वीकार किया कि, जो पेपर उन्हें रटाया गया वो वही पेपर था जो नीट यूजी परीक्षा में आया था।

झारखंड से क्या कनेक्शन :

अब इस पेपर लीक के तार झारखंड से जोड़े जा रहे हैं। यहां पेपर लीक कराने में सजीव मुखिया गैंग की भूमिका है। जो आरोपी बिहार से गिरफ्तार हुए उनकी गाड़ी झारखंड की थी। इसके अलावा बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन के पेपर लीक के तार भी झारखंड के हजारीबाग से ही जुड़े हैं। माना जा रहा है कि, NEET - UG और BPSC पेपर लीक में संजीव मुखिया का का ही हाथ था।

बुकलेट में छेड़छाड़ से हुआ खुलासा :

बिहार में पेपर लीक की जांच EOU द्वारा की जा रही है। EOU सूत्रों के अनुसार हजारीबाग के ओऐसिस स्कूल से बुकलेट में छेड़छाड़ हुई थी। स्कूल के चेयरमैन शब्बीर अहमद की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। संभावना जताई जा रही है कि, इस बार झारखंड से पेपर लीक किया गया और पटना में परीक्षा दिलवाई गई। फिलहाल संजीव मुखिया फरार है। सूत्रों के अनुसार वह नेपाल में छिपा हुआ है।

महाराष्ट्र से दो शिक्षक गिरफ्तार :

अब नीट पेपर लीक की जांच महाराष्ट्र तक पहुंच गई है। यहां एटीएस ने लातूर से दो प्राइवेट कोचिंग चलाने वालों को गिरफ्तार किया है। दोनों के ऊपर पेपर लीक कराने का शक है। हिरासत में लेकर दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

गुजरात में क्या खुलासा हुआ :

नीट पेपर लीक मामले में गुजरात के गोधरा से भी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यहां जिला शिक्षा अधिकारी को नीट एग्जाम पास करवाने के लिए छात्रों से लाखों रुपए वसूलने की जानकारी मिली थी। इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल पुरुषोत्तम शर्मा समेत कुछ शिक्षकों को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किये गए लोगों में वडोदरा के शिक्षा सलाहकार परशुराम रॉय भी शामिल है। परशुराम रॉय के कार्यालय में छापेमारी के दौरान ढ़ाई करोड़ रुपए का चेक भी मिला था।

उत्तरप्रदेश में रवि अत्री गिरफ़्तार :

यूपी एसटीएफ ने रवि अत्री को गिरफ्तार किया है। पेपर लीक के काम में ये नया नाम नहीं है। इसके पहले भी कई पेपर लीक की वारदातों में इसका नाम सामने आया था। 2012 में मेडिकल एग्जाम पेपर लीक कराने में उसकी भूमिका रही थी। रवि भी नीट एग्जाम की तैयारी कर रहा था। एग्जाम क्रक करके उसे मेडिकल कॉलेज में एडमिशन भी मिला लेकिन उसने पढ़ाई छोड़कर पेपर लीक माफिया बनना पसंद किया। रवि अत्रि का पूरा गैंग है। संदेश है कि, इसी गैंग के लोगों ने सिकंदर यादवेन्दु को झारखंड से पेपर दिलवाए हैं।

जाँच एजेंसी फ़िलहाल मामले की जांच में जुट गई है। NTA के अधिकारी भी सवालों के घेरे में है। सरकार का रवैय्या भी इस मुद्दे पर सख्त है लेकिन इन सभी खुलासों से साफ़ है कि, पता चला वो बस शुरुआत है अभी पेपर लीक मामले में कई बड़े खुलासे होना बाकी है।

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