नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों को ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देगी : राज्यपाल

नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों को ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देगी : राज्यपाल
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मप्र में नई शिक्षा नीति का शुभारंभ

भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मिंटो हाल में आयोजित कार्यक्रम में गुरुवार को मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का शुभारंभ किया। इस दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय शोध का केंद्र बनेंगे । प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नई कीर्तिमान स्थापित हों, इसके लिए हरसंभव प्रयास यहां किए जाएंगे।

वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सभी कॉलेजों में कौशल विकास देनेवाली यह नई शिक्षा होगी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में संपूर्ण ज्ञान निहित रहेगा, ऐसा पूरी तरह से माना जाए। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाने के लिए बधाई देते हुए कहा कि इससे देश में रोजगार एवं कौशल विकास अपने चरम तक पहुंच सकेगा।

रोजी-रोटी ना मिल सके तो ऐसी शिक्षा का क्या लाभ -

इसके साथ सीएम शिवराज ने कहा कि प्रदेश सरकार नई शिक्षा के क्रियान्वयन का हरसंभव प्रयास करेगी। नई शिक्षा नीति में अपग्रेडिंग प्रणाली है। नई शिक्षा नीति में बच्चों का स्वभाविक विकास होगा। प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में कौशल विकास की शिक्षा दी जाएगी । उनका कहना यह भी था कि पढ़ने के बाद यदि रोजी-रोटी ना मिल सके तो ऐसी शिक्षा का क्या लाभ। ज्ञान का मतलब तोता रटंत नहीं, उसे आत्मसात करना होता है। शिक्षा वह है जो मुक्ति दिलाए।

स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित -

इस दौरान इन्क्यूबेशन सेंटर के माध्यम से स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए विद्यार्थियों को सीड मनी का वितरण किया गया। इसके अलावा यह भी घोषणा की गई है कि प्रदेश में शोध फाउण्डेशन की स्थापना होगी।प्रदेश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के इस समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहे। साथ ही व्यापक तौर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, विश्वविद्यालयों के कुल सचिव एवं अग्रणी शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य मौजूद रहे। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 79 विषयों के पाठ्यक्रम तैयार किये गए हैं। विद्यार्थियों को इन पाठ्यक्रमों की व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से जानकारी दी जा रही है।

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