अमेरिका, फ्रांस व ब्रिटेन का अजहर के खिलाफ फिर प्रस्ताव
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चीन ने कहा-यूएस इसे उलझा रहा
वॉशिंगटन/एजेंसी। फ्रांस और ब्रिटेन की मदद से अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए प्रस्ताव लाया है। ये प्रस्ताव यूएनएससी के सभी 15 सदस्यों को दिया गया है और सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है। अगर प्रस्ताव पर एक राय बनती है तो मसूद की यात्रा पर प्रतिबंध, संपत्ति जब्त होने जैसी कई कार्रवाइयां हो सकती हैं। इससे 2 हफ्ते पहले भी इन तीनों देशों ने मसूद के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन चीन ने इसमें तकनीकी अड़ंगा लगाकर चौथी बार मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचा लिया था। सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों में से 14 ने मसूद पर कार्रवाई का समर्थन किया था। इससे पहले अमेरिका ने मुस्लिमों के प्रति दोहरी नीति के कारण चीन की जमकर आलोचना की है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा कि चीन अपने घर में लाखों मुसलमानों को प्रताडि़त करता है, लेकिन हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध से बचाता है। पॉम्पियो ने कहाकि चीन ने शिनजियांग प्रांत में 2017 से अब तक 10 लाख से ज्यादा उइगरों, कजाखों और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया है, उन्हें तत्काल रिहा किया जाना चाहिए। हाल ही में चीन ने खुद दावा किया था कि शिनजियांग प्रांत में 2014 से अब तक करीब 13 हजार आतंकी गिरफ्तार किए गए हैं। मसूद के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर जैश के आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। इस दौरान करीब 350 आतंकी मारे जाने का दावा किया गया था।
संयुक्त राष्ट्र को कमजोर करने का आरोप
चीन ने गुरुवार को अमेरिका पर संयुक्त राष्ट्र जैसे आतंक निरोधी संस्थान को कमजोर करने का आरोप लगाया। चीन ने कहा कि अमेरिका मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए जबरदस्ती प्रस्ताव लाने का प्रयास कर रहा है। इससे यह मुद्दा और उलझ जाएगा।