नरेंद्र मोदी के भारत को कोई आंख नहीं दिखा सकता : रविशंकर प्रसाद

नरेंद्र मोदी के भारत को कोई आंख नहीं दिखा सकता : रविशंकर प्रसाद
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दिल्ली। कोरोना वायरस से लेकर इकॉनमी के मोर्चे पर मोदी सरकार की तीखी आलोचनाएं कर रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर बीजेपी ने पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री और सीनियर बीजेपी लीडर रविशंकर प्रसाद ने ने एक-एक कर राहुल के आरोपों का जवाब दिया। राहुल ने चीन और नेपाल के मामले पर केंद्र सरकार से स्थिति साफ करने को कहा था। आज रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 'नरेंद्र मोदी के भारत को कोई भी आंख नहीं दिखा सकता।' उन्होंने कांग्रेस नेता पर कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को कमजोर करने और राजनीतिक फायदे के लिए देश के गुमराह करने का आरोप लगाया। प्रसाद ने कहा कि पंजाब और राजस्थान जैसे कांग्रेस शासित राज्यों ने सबसे पहले लॉकडाउन लागू किया।

उन्होंने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता ने पहले कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लॉकडाउन करना कोई समाधान नहीं है। पंजाब और राजस्थान ने सबसे पहले लॉकडाउन किया। वहीं, महाराष्ट्र ने भी सबसे पहले ही 31 मई तक अपने राज्य में लॉकडाउन को बढ़ाया था। उन्होंने राहुल गांधी से पूछा कि क्या कांग्रेस के मुख्यमंत्री उनकी नहीं सुनते हैं।

रविशंकर प्रसाद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, 'जब से कोरोना संकट आया है, तभी से राहुल गांधी इस लड़ाई में देश के संकल्प को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। वह झूठ बोलकर, गलत बयानबाजी करके और तथ्यों को गलत तरीके से बताकर ऐसा कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की आबादी है 137 करोड़ और हमारे देश में 4,345 लोगों की मृत्यु हुई है। 64 हजार से ज्यादा रिकवरी हुई है। वैसे मृत्यु कहीं भी हो, वो दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन करके जो देश को एकजुट किया है, यह उसकी का नतीजा है।

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'राहुल गांधी ने न्याय योजना को लागू करने के लिए कहा लेकिन उनके ही राज्य इसे अपने यहां लागू नहीं कर रहे। वहीं, मोदी सरकार ने गरीबों और जरूरतमंद लोगों के लिए 52 हजार करोड़ रुपये भेजे हैं।

इससे पहले राहुल गांधी ने कोरोना के मुद्दे पर दुनिया के दो जाने-माने स्वास्थ्य विशेषज्ञों आशीष झा और जोहान गिसेक से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बात की। दोनों ने कहा कि कोरोना वायरस अगले साल तक रहने वाला है और भारत में लॉकडाउन में लचीलापन लाने एवं आर्थिक गतिविधियां आरंभ करते समय लोगों के बीच विश्वास पैदा करने की जरूरत है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद के दौरान दोनों विशेषज्ञों ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोरोना के संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए बड़े पैमाने पर जांच की जाए और बुजुर्गों, गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों एवं अस्पतालों में मरीजों पर विशेष ध्यान दिया जाए।

वहीं, लॉकडाउन से जुड़े राहुल गांधी के एक सवाल के जवाब में झा ने कहा कि सरकारों को रणनीति बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए अच्छी बात यह है कि उसके पास बड़ी संख्या में नौजवान आबादी है जिसके लिए कोरोना घातक नहीं होगा। बुजुर्गों और अस्पतालों में भर्ती लोगों का ख्याल रखना होगा।

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