स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों ने जलाई रामचरित मानस की प्रतियां, विरोधियों को कहा - भौंकने वाला कुत्ता
- ओबीसी महासभा का आपत्तिजनक कृत्य
- सपा विधायक स्वामी प्रसाद ने कुछ दिन पहले कहा था कि इसमें कुछ पंक्तियां ऐसी हैं, जो कि नारियों व शूद्रों के खिलाफ हैं।
लखनऊ। उप्र में रामचरितमानस को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस विवाद के बाद भी लगातार विवादित बयान दे रहे है। जहां एक ओर स्वामीप्रसाद मौर्य ने उनका विरोध करने वालों को कुत्ता कहा। वहीँ उनके समर्थन में कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए रामचरितमानस की प्रतियां जला दी।
आज सुबह 9 बजे के करीब मौर्य समर्थक कार्यकर्ताओं ने वृंदावन सेक्टर-9 के आवास विकास कार्यालय पहुंचे। उन्होंने यहां पहुंचकर रामचरितमानस के खिलाफ नारेबाजी कर इस पर प्रतिबंधित करने की मांग की। महासभा के कार्यकर्ताओं ने कहा कि या तो इसमें संशोधन कराया जाए या फिर जातिगत जनगणना की जाए।सभा के पदाधिकारी देवेंद्र यादव ने कहा, "रामचरितमानस में जो भी आपत्तिजनक टिप्पणियां नारी सशक्तिकरण के खिलाफ, शूद्रों या फिर दलित समाज पर और ओबीसी के खिलाफ है, इन्हें रामचरितमानस से निकलावना चाहते हैं। तभी ये विरोध प्रदर्शन शांत होगा। नहीं तो ये प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा।"
विरोधियों को कुत्ता कहा -
धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूँगा, जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलती उसी प्रकार इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 29, 2023
बता दें कि सपा विधायक स्वामी प्रसाद ने कुछ दिन पहले रामचरित मानस को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि इसमें कुछ पंक्तियां ऐसी हैं, जो कि नारियों व शूद्रों के खिलाफ हैं। साथ ही इसे बकवास बताया था। इसी बीच आज एक बार फिर उन्होंने विवादित ट्वीट किए। उन्होंने कहा धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूँगा, जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलती उसी प्रकार इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा।
भेड़ियों से बनाओ दूरी
इससे पहले शनिवार को देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़ों के सम्मान की बात क्या कर दी, मानो भूचाल आ गया। एक-एक करके संतो, महंतों, धर्माचार्यों का असली चेहरा बाहर आने लगा। सिर, नाक, कान काटने पर उतर आये।कहावत सही है कि मुंह में राम बगल में छुरी। धर्म की चादर में छिपे, भेड़ियों से बनाओ दूरी।
हिंदू समाज में आक्रोश -
स्वामी प्रसाद के इन बयानों से हिंदू समाज में आक्रोश है। संत समाज और हिंदू संगठन लगातार विरोध कर रहे है। प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद के सम्मेलन में आए भैरव दास उर्फ कोतवाल बाबा ने कहा, ''स्वामी प्रसाद मौर्य गाजर-मूली बेचने वाले हैं, उन्हें रामचरित मानस, वेद और पुराण का महत्व कैसे मालूम होगा। उन्हें देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है, उन्हें पाकिस्तान भेज देना चाहिए।''